पुजारा पुणे टेस्ट में बायें हाथ के स्पिनर ओकीफी और तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क की गेंदों पर आउट हुए थे। उन्होंने बेंगलुरू में दूसरी पारी में 92 रन की पारी खेलकर भारत के लिये जीत में अहम भूमिका अदा की जिससे दोनों टीमें बराबरी पर आ गयीं।
पुणे टेस्ट में विफल होने के बाद पुजारा ने अपने खेल पर काफी मेहनत की है और उन्होंने इसके लिये कुंबले और क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर की मदद मिली। पुणे टेस्ट में ओकीफी को खेलना मुश्किल साबित हुआ था जिसमें उन्होंने 70 रन देकर 12 विकेट हासिल कर कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
भारतीय बल्लेबाजों को जिस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, उसकी तैयारी के लिये कुंबले ने अभ्यास के दौरान पुजारा को बायें हाथ की स्पिन से गेंदबाजी की।
पुजारा ने 16 मार्च से यहां शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले बीसीसीआई टीवी से कहा, उनके पास बायें हाथ के स्पिनर हैं तो अनिल भाई उसे ही दोहराने की कोशिश कर रहे थे और वह क्रीज पर कोने से आकर दायें हाथ की ओर कोण बना रहे थे और वहां से स्पिन करने की कोशिश कर रहे थे।
पुजारा ने कहा, इसलिये मैं उस कोण का आदी होने की कोशिश कर रहा था। श्रीधर भी ओवर द स्टंप से गेंदबाजी कर रहे थे, शार्ट गेंद फेंक रहे थे। यह काफी उपयोगी साबित हुआ, विशेषकर श्रीधर से क्योंकि वह सचमुच सटीक था। अनिल ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की, हालांकि वह दायें हाथ के गेंदबाज है लेकिन उसने बायें हाथ से स्पिन गेंदबाजी करने की कोशिश की और अभ्यास में यह अच्छा था। यह महान स्पिनर पुजारा को परेशान करने में भी सफल रहा।
इस बल्लेबाज ने कहा, हां, उन्होंने परेशान किया। वह जानते थे कि कहां गेंदबाजी करनी है, उन्होंने गेंद खुरदरी क्षेत्र पर पिच करायी और मैं बाहर की ओर निकला और बचने में नाकाम रहा।
स्टार्क का सामना करने के लिये उन्होंने क्या किया, जो पैर में फ्रैक्चर के कारण भारतीय दौरे से बाहर हो गये हैं।
पुजारा ने कहा, स्टार्क ओवर द विकेट पर गेंदबाजी करता है और बल्लेबाज से गेंद दूर करने की कोशिश करता है। हम उसके इस कोण को खेलने के आदी होना चाहते थे।
उन्होंने कहा, मैं इस पर काम करना चाहता था। शरीर के करीब खेलना चाहता था और उसके कोण का आदी होना चाहता था। भाषा