पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी को सोमवार को दो महिला खिलाड़ियों सहित सात क्रिकेटरों के साथ वर्ष 2025 के लिए आईसीसी के हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। धोनी के साथ आस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज मैथ्यू हेडन, दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ और हाशिम अमला तथा न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान डेनियल विटोरी सहित पांच पुरुष क्रिकेटरों को इस सूची में शामिल किया गया है।
इंग्लैंड की पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज सारा टेलर और पाकिस्तान की पूर्व कप्तान सना मीर को भी इस विशिष्ट समूह में शामिल किया गया।
आईसीसी ने धोनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह न केवल आंकड़ों में बल्कि "असाधारण स्थिरता, फिटनेस और दीर्घायु" के मामले में भी उत्कृष्ट खिलाड़ी हैं।
आईसीसी ने एक बयान में कहा, "दबाव में धैर्य बनाए रखने और बेजोड़ सामरिक कौशल के लिए मशहूर, साथ ही छोटे प्रारूपों में अग्रणी, खेल के सबसे महान फिनिशर, कप्तान और विकेटकीपर के रूप में एमएस धोनी की विरासत को आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल करके सम्मानित किया गया है।"
इसमें कहा गया है, "भारत के लिए विभिन्न प्रारूपों में 17,266 अंतरराष्ट्रीय रन, 829 शिकार और 538 मैचों में धोनी के आंकड़े न केवल उत्कृष्टता बल्कि असाधारण स्थिरता, फिटनेस और दीर्घायु को दर्शाते हैं।"
धोनी, जिन्होंने भारत को 2007 में टी-20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई थी, ने आईसीसी द्वारा साझा किए गए एक बयान में कहा, "आईसीसी हॉल ऑफ फेम में नामित होना सम्मान की बात है, जो दुनिया भर के विभिन्न पीढ़ियों के क्रिकेटरों के योगदान को मान्यता देता है। ऐसे सर्वकालिक महान लोगों के साथ आपका नाम याद किया जाना एक अद्भुत एहसास है। यह कुछ ऐसा है जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।"
धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 मैच खेले हैं और वह देश की अगुआई करने वाले सबसे महान कप्तानों में से एक हैं। धोनी ने 60 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की, जिसमें भारत ने 27 मैच जीते, 15 हारे और 18 ड्रॉ रहे।
200 एकदिवसीय मैचों में, जो भारतीय कप्तान के रूप में सर्वाधिक मैचों का रिकॉर्ड है, धोनी ने देश को 110 मैचों में जीत दिलाई जबकि 74 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। पांच मैच टाई रहे और 11 मैच बारिश की भेंट चढ़ गए।
आईसीसी ने कहा, "धोनी की वनडे विरासत रिकॉर्डों से भरी हुई है, जिसमें इस प्रारूप में सर्वाधिक स्टंपिंग (123), विकेटकीपर द्वारा सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर (183*) और भारत के लिए कप्तान के रूप में सर्वाधिक मैच (200) शामिल हैं। लेकिन उनके करियर का सबसे महत्वपूर्ण क्षण 2011 में आया, जब उन्होंने 28 साल के इंतजार के बाद भारत को विश्व कप दिलाया।"
धोनी के नाम सबसे अधिक 72 टी-20 मैचों में भारत की अगुआई करने का रिकार्ड भी है - जिसमें दो बार के विश्व कप विजेता ने 41 मैच जीते, 28 हारे, दो मैच बेनतीजा रहे और एक मैच बराबर रहा।
एकदिवसीय मैचों में महान फिनिशर धोनी ने 350 मैचों में 50.57 की औसत से 10 शतकों और 73 अर्द्धशतकों के साथ 10,773 रन बनाए।
उन्होंने 90 टेस्ट मैचों में 38 से कुछ अधिक की औसत से छह शतक और 33 अर्द्धशतकों के साथ 4,876 रन बनाए, जबकि धोनी ने 98 टी-20 मैचों में 37.60 की औसत से दो अर्द्धशतकों के साथ 1,617 रन बनाए।
आईसीसी ने कहा, "उनके ग्लव्स के काम ने परंपरा को चुनौती दी। स्टंप के पीछे धोनी की तकनीक अपरंपरागत थी, फिर भी असाधारण रूप से प्रभावी थी। उन्होंने विकेटकीपिंग को एक कला के रूप में बदल दिया, डिफ्लेक्शन से रन आउट करना, पलक झपकते ही स्टंपिंग करना और अपनी अनूठी शैली के साथ कैच पकड़ना।"
इसमें कहा गया, "बल्लेबाजी के साथ, उन्होंने विकेटकीपर-बल्लेबाज की भूमिका में जबरदस्त ताकत और पावर-हिटिंग का इस्तेमाल किया, जो परंपरागत रूप से स्थिर, निचले क्रम के योगदानकर्ताओं के लिए आरक्षित था। ऐसे समय में जब भारतीय विकेटकीपरों से सुरक्षित खेलने की उम्मीद की जाती थी, धोनी ने शाब्दिक और प्रतीकात्मक दोनों तरह से स्विंग किया।"
2007 में दक्षिण अफ्रीका में टी20 विश्व कप के उद्घाटन संस्करण में भारत की खिताबी जीत को याद करते हुए, ICC ने कहा कि इसने धोनी को "खेल के अब तक के सबसे प्रभावशाली कप्तानों में से एक" बना दिया।
आईसीसी ने कहा, "इस जीत ने न केवल भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत की, बल्कि यह भी पुष्टि की कि इसके नेतृत्व का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। इसके बाद सभी प्रारूपों में लगातार सफलता का दौर शुरू हुआ और धोनी खेल के सबसे प्रभावशाली कप्तानों में से एक के रूप में उभरे।"