धोनी ने रहाणे को नहीं खिलाने के फैसले की भी वजह बताई और बताया कि क्यों भारतीय टीम इस वक्त टीम प्रबंधन के सहयोग से खुश है। उन्होंने कहा, ‘मुझे हमेशा हार के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। हो सकता है कि टीम में जो कुछ होता है, उसके लिए मैं ही जिम्मेदार हूं। यदि आप लंबे समय तक खेलते हैं तो मैदान में अच्छे-बुरे दिन आते रहते हैं। लेकिन मैं अपने क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं। यदि ऐसा करना जायज लगता है तो आप मुझे कप्तानी से हटा सकते हैं और भारतीय क्रिकेट के हित में मैं खुशी-खुशी कप्तानी छोड़ दूंगा तथा एक खिलाड़ी के तौर पर खेलता रहूंगा।’
उन्होंने कहा, ‘टीम के चयन की जिम्मेदारी कप्तान की होती है इसलिए इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। आप कैसे मुझसे इसमें स्टुअर्ट बिन्नी को शामिल करने के लिए कह सकते हैं। टीम का चयन मेरे अधिकार क्षेत्र में है और मैं वही करूंगा जो मुझे सबसे उपयुक्त लगेगा।’
रहाणे को दूसरे एकदिवसीय मैच में नहीं शामिल करने पर उन्होंने कहा कि हम सभी जानते थे कि वह तेज पिच पर अच्छा खेलते हैं। लेकिन धीमी पिच पर चौथे या पांचवें नंबर पर खेलते हुए स्ट्राइक बदलते रहना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। यह समस्या उनके पारी की शुरुआत में भी देखी गई है। रहाणे को इंतजार करना होगा। इसके बजाय जब कभी रायडू को मौका दिया गया है, उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। इस हार के लिए उन्होंने खराब मध्यक्रम बल्लेबाजी और गेंदबाजी को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि धोनी काफी भावुक नजर आ रहे थे और उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हर बार उन्हें निशाना बनाया जाता है इसलिए वह कप्तानी छोड़ने को तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि मीरपुर में खेले गए दूसरे एकदिवसीय मैच में भारतीय टीम 45 ओवर में ही ढेर हो गई और बांग्लादेश को 201 रन का आसान लक्ष्य देते हुए उसके हाथों छह विकेट से पराजित हो गई। भारतीय टीम पहली बार बांंग्लादेश से शृंखला हारी है।