बीसीसीआई के संविधान के नियम 3:ए::2:सी के अनुसार, कई मौजूदा सदस्यों वाले राज्यों में इस तरह के मौजूदा सदस्यों के बीच वार्षिक आधार पर सदस्यता रोटेट करेगी और उनमें से केवल एक ही एक समय में पूर्ण सदस्य के अधिकारों और विशेषाधिकार का प्रयोग करेगा। रोटेशन बीसीसीआई द्वारा तैयार की गयी नीति के अनुसार होगा।
मीडिया विग्यप्ति में कहा गया है, प्रशासकों की समिति (सीओए) ने माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों और माननीय न्यायमूर्ति लोढा समिति की सिफारिशों के अनुरूप संविधान को अंतिम रूप दिया है।
संविधान में कहा गया है, महाराष्ट्र और गुजरात की पूर्ण सदस्यता नियम 3:ए::2:सी में उल्लिखित नीति के अनुसार इन राज्यों के तीन मौजूदा पूर्णकालिक सदस्यों के बीच वार्षिक आधार पर रोटेट करेगी। इसमें कहा गया है, इस तरह से मुंबई क्रिकेट संघ, महाराष्ट्र क्रिकेट संघ और विदर्भ क्रिकेट संघ (क्रमानुसार जरूरी नहीं) महाराष्ट्र से वार्षिक आधार पर मतदान का अधिकार हासिल करेंगे। इसी तरह से गुजरात क्रिकेट संघ, सौराष्ट्र क्रिकेट संघ और बड़ौदा क्रिकेट संघ (क्रमानुसार जरूरी नहीं) को गुजरात राज्य से वार्षिक आधार पर मतदान का अधिकार मिलेगा। महाराष्ट्र और गुजरात इस सामान्य सिद्वांत के भी अपवाद हैं कि पूरे राज्य में पूरा राज्य एक संघ का अधिकार क्षेत्र होगा।
इसके अनुसार, संविधान के नियम 3:ए::2:बी में दी गयी 30 नामों की सूची संघों नहीं बल्कि राज्यों के नाम का उल्लेख करती है। किसी खास राज्य के संघ का नाम भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिये तेलंगाना राज्य से हैदराबाद क्रिकेट संघ।
भाषा