पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हाई परफॉर्मेंस सेंटर यानी उच्च प्रदर्शन केंद्र के नवनियुक्त निदेशक नदीम खान ने बताया की लाहौर में अपने केंद्र में मुख्य कोच की नियुक्ति के लिए योग्यता और अनुभव दोनों मुख्य मानदंड होंगे। साथ ही उन्होंने बताया अगर कोई विदेशी भी इस पद के लिए आवेदन करता है तो उसका स्वागत होगा।
मानदंडों पर खरा उतरना होगा
नदीम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, अगर कोई विदेशी इन सभी मानदंडों पर खरा उतरता है तो उसे नियुक्त किया जाएगा। साथ ही अगर कोई पाकिस्तानी भी इन मानदंडों पर खरा उतरता है तो उसके भी चुने जाने की उतनी ही गुंजाइश है।
पृष्ठभूमि की होगी जांच
पाकिस्तान के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर जो पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट कप्तान मोइन खान के बड़े भाई भी हैं, ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी संदिग्ध पृष्ठभूमि का इतिहास वाले कोच को उच्च प्रदर्शन केंद्र में कोच के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हम सभी उपलब्ध कोचों की पृष्ठभूमि की जांच करेंगे और अगर हमें किसी की भी पृष्ठभूमि संदिग्ध देखी तो उसे छोड़ दिया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय अनुभव होना जरूरी नहीं
नदीम जिन्होंने उच्च प्रदर्शन केंद्र के प्रमुख के रूप में पूर्व टेस्ट ऑलराउंडर मुदस्सर नजर की जगह ली इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं है कि केवल अधिक अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाले खिलाड़ियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा आधुनिक समय के क्रिकेट में ऐसा होना जरूरी नहीं है। ऐसे कई क्रिकेटरों के उदाहरण हैं जिन्होंने बहुत कम या कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है लेकिन कुछ या उच्च प्रदर्शित प्रबंधक के रूप में अभी तक बहुत सफल रहे हैं।
उचित ट्रैकिंग प्रणाली की करेंगे शुरुआत
50 साल के नदीम जिन्होंने पाकिस्तान के लिए सिर्फ दो टेस्ट और कुछ भी वनडे मैच खेले हैं ने बताया कि वह अंडर-13 स्तर से शुरू होने वाले देश के खिलाड़ियों के लिए एक उचित ट्रैकिंग प्रणाली शुरू करेंगे। उन्होंने कहा हमें सभी खिलाड़ियों के लिए एक उचित ट्रैकिंग प्रणाली की आवश्यकता है क्योंकि हम पहले भी कहीं अच्छी प्रतिभाओं को खो चुके हैं क्योंकि हम किसी भी खिलाड़ी की प्रगति, विकास, व्यवहार और अनुशासन को सही तरीके से नहीं देखते थे।
उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि खिलाड़ियों के बीच वे जबरन फिटनेस की प्रवृत्ति को शुरू करने में विश्वास नहीं करते। उन्होंने बताया कि फिटनेस एक ऐसी चीज है जो मेरा मानना है कि हमें सिर्फ लोगों को इसके महत्व का अहसास कराना है ताकि इसमें वह खुद ही दिलचस्पी ले सकें। ना की किसी और को उन्हें बताना पड़े कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं।