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सचिन से भारत रत्न क्यों न वापस ले लिया जाए?

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से भारत रत्न वापस लेने की याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है। याचिका में कहा गया है कि सचिन अपने इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान का इस्तेमाल व्यावसायिक उत्पादों के विज्ञापन के लिए करते हुए धन कमाते हैं।
सचिन से भारत रत्न क्यों न वापस ले लिया जाए?

मुख्य न्यायाधीश अजय मानिकराव खानविलकर एवं न्यायाधीश के के त्रिवेदी की युगलपीठ ने शुक्रवार को भोपाल निवासी वी के नस्वा की एक याचिका पर केंद्र सरकार के सहायक महाधिवक्ता को निर्देश जारी किए हैं कि भारत रत्न के संबंध में उच्चतम न्यायालय ने पूर्व में कोई आदेश पारित किया हो या कोई याचिका लंबित हो, तो इस संबंध में अदालत के समक्ष एक सप्ताह में जानकारी प्रस्तुत करें।

याचिकाकर्ता नस्वा ने अदालत में खुद पैरवी करते हुए कहा कि सचिन तेंदुलकर एक मशहूर हस्ती हैं और उन्होंने क्रिकेट खेलते हुए कई विश्व कीर्तिमान कायम किए हैं, लेकिन वह देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान का व्यावसायिक उत्पादों का विग्यापन करने में उपयोग कर रहे हैं और पैसे कमा रहे हैं। यह भारत रत्न जैसे प्रतिष्ठित सम्मान की गरिमा, विरासत और मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि सचिन को नैतिक आधार पर अपना भारत रत्न सम्मान लौटा देना चाहिए और यदि वह अपनी इच से एेसा नहीं करते हैं, तो केन्द्र सरकार को उनसे यह सम्मान वापस ले लेना चाहिए।

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