रोहित शर्मा भले ही सिडनी टेस्ट मैच में नहीं खेल रहे हैं लेकिन उन्होंने भारतीय टीम के अपने साथियों को बाहर चल रही बातों और अफवाहों को दरकिनार करने और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवा और अंतिम टेस्ट मैच जीत कर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने पास बनाए रखने पर ध्यान देने की अपील की है।
भारत पांंच मैच की श्रृंखला में अभी 1-2 से पीछे चल रहा है और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी बरकरार रखने के लिए उसे सिडनी टेस्ट में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। इस बीच रोहित के संन्यास लेने की अपवाह भी चल रही है जिसने स्थिति जटिल बना दी है।
रोहित ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘‘यह (अफवाहें) हमें प्रभावित नहीं करती क्योंकि हम खिलाड़ी स्टील के बने होते हैं। हमने खिलाड़ियों को मजबूत बनाने के लिए अपनी तरफ से पूरे प्रयास किए हैं। हम कुछ चीजों को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं और हम उनके बारे में चिंता नहीं करना चाहते हैं। हम इस पर समय बर्बाद नहीं करना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसे (लीक) होने दो। हम इसको लेकर कुछ नहीं कर सकते हैं। बस मैच जीतने और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर ध्यान केंद्रित करें। यही हम करना चाहते हैं।’’
रोहित ने कहा, ‘‘हर कोई मैदान पर उतरना चाहता है और मैच जीतना चाहता है। हम सभी उन (अफवाहों) पर विराम लगाना चाहते हैं। मुझे बताओ, कौन सी अन्य टीम ने यहां दो बार श्रृंखला जीती है? हमारे पास सुनहरा अवसर है। हम श्रृंखला तो नहीं जीत सकते लेकिन इस ड्रॉ कर सकते हैं।’’
रोहित ने हालांकि स्वीकार किया कि नए साल के टेस्ट से हटने का फैसला व्यक्तिगत स्तर पर मुश्किल था।
उन्होंने कहा,‘‘ कभी-कभी यह मुश्किल होता है। मैं खेलने के लिए इतनी दूर आया हूं। मैं बाहर बैठकर इंतजार करने नहीं आया हूं। मैं खेलना चाहता हूं और मैच जीतना चाहता हूं। जब मैं 2007 में पहली बार भारतीय ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बना तभी से मेरा एकमात्र लक्ष्य टीम के लिए मैच जीतना रहा है।’’
रोहित ने कहा कि टीम उनके लिए सर्वोपरि है और इसलिए उन्होंने बाहर बैठने का फैसला किया।
उन्होंने कहा,‘‘कभी-कभी आपको यह समझना होता है कि टीम आपसे क्या चाहती है। अगर आप खुद को टीम से आगे रखेंगे तो इसका क्या फायदा होगा। यदि आप अपने लिए खेलते हैं, खुद के लिए रन बनाते हैं, तो इससे क्या होगा? अगर आप टीम के बारे में नहीं सोचते तो फिर आपको ऐसे खिलाड़ी नहीं चाहिए। 11 खिलाड़ी खेल रहे हैं और यह एक टीम है। इसलिए जो भी टीम की जरूरत है उसे करने का प्रयास करें।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘यह मेरी निजी सोच है। मैंने अपनी क्रिकेट इसी तरह से खेली है। आम तौर पर मैं जीवन में भी ऐसा ही हूं। ऐसा नहीं है कि मैं कुछ और दिखाने की कोशिश कर रहा हूं। मैं जो हूं वह दिख रहा है। अगर किसी को पसंद नहीं है तो फिर मुझे माफ़ कर दो। मैं वही करता हूं जो मुझे ठीक लगता है, इसमें डरने की क्या बात है।’’
रोहित ने स्वीकार किया कि अगर कोई निर्णय गलत हुआ तो उनकी आलोचना की जाएगी लेकिन उन्होंने कहा कि इससे वह अपने तरीकों से भटकते नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘टीम का नेतृत्व करते हुए आपको यह स्वीकार करना होगा कि आपके पास हमेशा अच्छे दिन नहीं होंगे। विचार और आपकी मानसिकता एक जैसी है। मैं 5-6 महीने पहले जैसी कप्तानी कर रहा था आज भी मेरी मानसिकता और विचार प्रक्रिया वैसी ही है लेकिन कभी-कभी आपको अनुकूल परिणाम नहीं मिलते हैं।’’
रोहित ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि 140 करोड़ लोग हमें परखेंगे। यही बात है। मैं खुद पर संदेह नहीं करना चाहता। मैं जानता हूं कि मैं जो कर रहा हूं वह सही है। मैं कप्तानी को लेकर अपना तरीका नहीं बदलना चाहता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं गलत भी हो सकता हूं। कल अगर मैंने फैसला किया कि मुझे सिडनी में बल्लेबाजी करनी चाहिए थी लेकिन वास्तव में, मुझे गेंदबाजी करनी चाहिए थी। यह गलत हो सकता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी सोच गलत है।’’
रोहित से जब पूछा गया कि भविष्य में जसप्रीत बुमराह के अलावा कौन अन्य खिलाड़ी भारतीय टीम का नेतृत्व कर सकते हैं, उन्होंने कहा , ‘‘ यह बता पाना मुश्किल है। कई ऐसे खिलाड़ी हैं लेकिन मैं चाहता हूं कि वे पहले क्रिकेट के महत्व को समझें, इस स्थान के महत्व को समझें। मेरा मानना है कि उन्हें ऐसा करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभी इस पद पर हूं। बुमराह है। हमसे पहले विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी इस पद पर से। किसी को भी थाल में सजाकर यह पद नहीं मिला है। किसी को भी इस तरह से यह पद नहीं मिलना चाहिए। उन्हें कड़ी मेहनत करने दीजिए। हमारे खिलाड़ियों में काफी प्रतिभा है ।’’
रोहित ने कहा, ‘‘ भारत का कप्तान बनना आसान बात नहीं है। दबाव होता है। लेकिन यह एक बड़ा सम्मान है। हमारा इतिहास और हम जिस तरह से क्रिकेट खेल रहे हैं,उसे देखते हुए यह बड़ी जिम्मेदारी होती है। उन्हें यह पद अर्जित करने दें। उन्हें इसका अवसर मिलेगा।’’