राहुल ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, यह तब तक अच्छा दिन था, जब तक मैं आउट नहीं हुआ था। मैं सकारात्मक खेलने की कोशिश कर रहा था, सब कुछ मेरे हिसाब से चल रहा था। मैं गेंद को अच्छी तरह हिट कर रहा था और मैंने जो जोखिम लिये, वे भी फायदेमंद रहे। सब चीज अच्छी दिख रही थी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोहरा शतक बनाने का दबाव मुझ पर हावी हो गया।
इस प्रतिभाशाली सलामी बल्लेबाज ने कहा, लेकिन अंत में मैं बहुत खुश हूं। 199 रन बनाना कोई आसान नहीं है लेकिन हां दोहरे शतक से चूकना निश्चित रूप से दुखी करता है। लेकिन मैं खुश हूं कि मैंने अपनी टीम के लिये 199 अहम रन जोड़े।
उनकी मौजूदा मानसिक स्थिति के बारे में पूछने पर राहुल ने स्वीकार किया कि वह थोड़े दुखी तो हैं। उन्होंने कहा, निश्चित रूप से, इस समय 200 रन नहीं बनाने का दुख है, जिसे जाने में समय लगेगा। मैं सचमुच बहुत निराश था। किसी बल्लेबाज के लिये 200 रन काफी बड़ी उपलब्धि है और 200 रन बनाना हमेशा एक बल्लेबाज के लिये बहुत गर्व वाला क्षण होता है। मैं दुखी हूं कि मैं इससे चूक गया।
राहुल ने कहा, लेकिन जैसा कि मैंने कहा, दो महीने मेरे लिये काफी मुश्किल रहे हैं, कुछ चोटें रहीं इसलिये मुझे शुक्रगुजार होना होगा कि मैंने अपने नाम एक शतक कराया।
भाषा