दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) अध्यक्ष रजत शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता वाले मेरे सिद्धांतों के साथ डीडीसीए में चलना संभव नहीं है, जिनसे मैं किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करूंगा।'
जुलाई 2018 में वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा पूर्व क्रिकेटर मदन लाल को 517 मतों से हराकर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष बने थे। रजत शर्मा के इस्तीफे की जानकारी डीडीसीए ने ट्विटर पर दी है। रजत शर्मा ने अध्यक्ष रहते दिल्ली के फिरोजशाह कोटला का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम रखने का प्रस्ताव दिया था, जिसे मंजूरी मिली। दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली और पत्रकार अरुण जेटली अच्छे मित्र थे।
‘मैं अपने काम के बारे में जानकारी देता रहा हूं’
रजत शर्मा ने इस्तीफा देते हुए डीडीसीए सदस्यों से कहा, 'जब से आपने मुझे डीडीसीए का अध्यक्ष चुना है, मैंने लगातार आपसे संवाद जारी रखा है। मैं समय-समय पर आपको अपने काम के बारे में जानकारी देता रहा हूं। मैंने डीडीसीए को बेहतर बनाने के लिए, प्रोफेशनल और पारदर्शी बनाने के लिए जो कदम उठाए हैं, उसके बारे में आपको बताया है।'
रजत शर्मा ने कहा, 'मैंने आपसे किए गए वादों के पूरा होने की जानकारी दी। यहां काम करना आसान नहीं था, लेकिन आपके विश्वास ने मुझे ताकत दी। आज मैंने डीडीसीए का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है और अपना इस्तीफा एपेक्स काउंसिल को भेज दिया है। आपने जो प्यार और सम्मान मुझे दिया है उसके लिए मैं हमेशा आपका आभारी रहूंगा।'
जेटली के समर्थन से बने थे अध्यक्ष
रजत शर्मा दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का समर्थन मिलने पर क्रिकेट प्रशासन से जुड़े थे। डीडीसीए के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जेटली के निधन के बाद शर्मा कमजोर पड़ गए थे क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री संस्था के विभिन्न गुटों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाते थे।
रजत शर्मा ने संस्था के बीच चल रही ‘खींचतान और दबावों’ में पद पर बने रहने में असमर्थता जताई। शर्मा का कार्यकाल उतार चढ़ाव से भरा रहा। इस बीच उनके महासचिव विनोद तिहाड़ा से मतभेद सार्वजनिक तौर पर सामने आए, तिहाड़ा को संगठन में अच्छा समर्थन हासिल है। रजत शर्मा फिलहाल एक हिंदी समाचार चैनल के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ हैं।