भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने भारतीय कप्तान विराट कोहली और चयन समिति को लेकर सुनील गावस्कर की आलोचनात्मक टिप्पणी के प्रति ‘सम्मान के साथ असहमति’ जताते हुए कहा कि चयनकर्ता के स्तर से कहीं अधिक महत्वपूर्ण उसका ईमानदार होना है।
चयन समिति को बताया था कमजोर
पूर्व दिग्गज बल्लेबाज गावस्कर ने अपने लेख में समीक्षा बैठक किए बगैर कोहली को टीम का कप्तान बरकरार रखने पर सवाल उठाया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली चयन समिति कमजोर है और टीम प्रबंधन के साथ काम करने का उसका स्तर नहीं है। भारत विश्व कप में प्रबल दावेदार के रूप में उतरा था लेकिन सेमीफाइनल में उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।
सम्मान के साथ अहसमत हूं
भारत ने हालांकि इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अपने नौ में से सात मैच जीते और अब कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे मांजरेकर ने भी इस आंकड़े को सामने रखा। मांजरेकर ने ट्वीट किया कि ‘भारतीय चयनकर्ताओं पर और विराट कोहली को कप्तान बरकरार रखने पर गावस्कर सर के नजरिये से पूरे सम्मान के साथ अहसमत हूं। नहीं, विश्व कप में भारत का प्रदर्शन उम्मीद से खराब नहीं था, वे सात मैच जीते और दो हारे। आखिरी मैच बेहद कम अंतर से। और चयनकर्ता के रूप में स्तर से कहीं अधिक महत्वपूर्ण ईमानदार होना है।’
विश्व कप में हार के बाद भी कोहली कप्तानी क्यों
कोहली फ्लोरिडा और वेस्टइंडीज में तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय, तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में भारतीय टीम की अगुआई करेंगे। गावस्कर ने अपने लेख में सवाल उठाया था कि विश्व कप में टीम के बाहर होने के बाद कोहली कप्तानी के लिए स्वत: पसंद क्यों थे।
समीक्षा बैठक बुलानी चाहिए थी
उन्होंने कहा कि चयन समति को उनकी कप्तानी और टीम के प्रदर्शन की समीक्षा करनी चाहिए थी। गावस्कर ने कहा था कि चयनकर्ताओं को वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम चुनने से पहले समीक्षा बैठक बुलानी चाहिए थी और साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि अगली समिति में स्तरीय खिलाड़ी होंगे जिन पर टीम प्रबंधन हावी नहीं हो सके। तीन अगस्त से शुरू हो रहे वेस्टइंडीज दौरे पर कोहली को सभी फॉर्मेट में कप्तानी सौंपी गई है। यहां टीम इंडिया तीन टेस्ट, तीन टी-20 और तीन वनडे खेलेगी।