उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को रणजी ट्रॉफी और इसी तरह की अन्य राष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की स्वीकृति दे दी।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने स्पष्ट किया कि बिहार को क्रिकेट खेलना चाहिए। बता दें कि इससे पहले बिहार की टीम को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की स्वीकृति नहीं थी।
पीटीआई के मुताबिक, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई पाटिल की मौजूदगी वाली पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद चुने गए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को राज्य में खेल का प्रभार मिलना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘क्रिकेट के हित को देखते हुए यह आदेश पारित किया गया है।’
गौरतलब है कि साल 2001 में जब बिहार से निकलकर झारखंड नया राज्य बना था, तब बीसीसीआई ने बिहार की जगह झारखंड के बोर्ड को फुल मेंबरशिप दी थी, उसी समय से ही बिहार की टीम रणजी ट्रॉफी में भाग नहीं ले पा रही थी। आज सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब बिहार के क्रिकेटरों का वह सपना पूरा हो गया, जो पिछले करीब दशक भर से लंबित पड़ा था। अब बिहार की टीम अगले रणजी ट्रॉफी सेशन में हिस्सा ले सकेगी।