मालूम हो कि दिसंबर में सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया था और तब ठाकुर को बीसीसीआई का पद छोड़ना पड़ा था। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त की गई एक कमेटी बीसीसीआई का कामकाज देख रही है। ठाकुर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई इसी साल दो जनवरी को शुरू की गई थी।
जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एके. खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूढ़ ने शुक्रवार को कहा कि ठाकुर द्वारा पहले दिए गए माफीनामे को नहीं माना जाएगा। उन्हें एक पेज का शॉर्ट एफिडेविट देकर माफी मांगनी होगी। कोर्ट ने
इशारा किया है कि अगर ठाकुर नए एफिडेविट के जरिए माफी मांग लेते हैं तो उनके खिलाफ अवमानना का केस बंद किया जा सकता है। बता दें कि अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से भाजपा के सांसद भी हैं। ठाकुर के वकील पी एस. पटवालिया ने कहा कि उनका क्लाइंट बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हैं लेकिन केस से ये साबित हो जाता है कि उन्होंने गलती नहीं की है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। ठाकुर से इस सुनवाई के दौरान मौजूद रहने को कहा गया है।