पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज स्पिनर शेन वार्न ने खुलासा किया है कि उन्होंने लगभग 12 महीने के डोपिंग प्रतिबंध से पहले क्रिकेट से संन्यास ले ही लिया था। 2003 विश्व कप वाले दिन पूर्व स्पिनर को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड द्वारा एक साल का प्रतिबंध दिया गया था क्योंकि उनका ड्रग टेस्ट पॉजिटिव आया था।
किसी भी सुविधा को इस्तेमाल करने की नहीं थी इजाजत
उन्हें अपने निलंबन के दौरान बोर्ड की सुविधाओं या सरकार के स्वामित्व वाले किसी भी व्यक्ति को प्रशिक्षण देने की इजाजत नहीं थी। जो उन्हें लगता है कि उन्हें एक बहुत जरूरी आराम दिया गया था। फॉक्स क्रिकेट के कार्यक्रम अभी विद वार्न में बात करते हुए उन्होंने बताया उनके लिए यह समय बड़ा कठिन था क्योंकि जाहिर तौर पर सरकार क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को फंड करती है। और मुझे बताया गया था कि मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा किसी भी सुविधा में प्रशिक्षण नहीं ले सकता हूं चाहे वह क्लब क्रिकेट हो या एक सामान्य क्रिकेट ग्राउंड हो।
वह समय काफी निराशाजनक था
उस समय मुझे लगने लगा था कि मैं खेल से दूर जा रहा हूं। समय के साथ मैं काफी चिंतित और परेशान रहने लगा था। कुल मिलाकर अगर कहा जाए तो मैं काफी निराश था। मैं सोचता था मैंने अपने खेल में बहुत कुछ कमाया है। जो भी कुछ उस वक्त चल रहा था मैं उस सब से खुश नहीं था इसीलिए यह एक साल का प्रतिबंध मेरे लिए अच्छा रहा।
इसके बाद शेन वॉर्न ने अपने परिवार के साथ एक स्पेन की यात्रा की जिससे उन्हें काफी मदद मिली। पारिवारिक यात्रा के बाद उन्होंने अपने भाई और अभिनेता ग्लेन रॉबिंस के खिलाफ अपनी लेग स्पिन का अभ्यास शुरू किया क्योंकि उन्हें किसी भी पेशेवर बल्लेबाज को गेंदबाजी करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
अपने भाई के साथ एक स्कूल के अंदर करते थे अभ्यास
उन्होंने बताया उनके किसी दोस्त के दोस्त का एक इंडोर क्रिकेट ग्राउंड था जो किसी स्कूल के अंदर था। जहां वह सुबह के वक्त अभ्यास किया करते थे। उन्होंने कहा की यह इंडोर ग्राउंड सुबह 6 बजे खुलता था और मैं अपने भाई ग्लेन को लेकर वहां पहुंचता था और उनके साथ अपनी गेंदबाजी का अभ्यास करता था। क्योंकि मुझे किसी भी पेशेवर बल्लेबाज को गेंदबाजी करने की अनुमति नहीं थी।
आगे उन्होंने बताया कि मैंने दौरे पर जाने से पहले कुछ ही हफ्ते के लिए यह अभ्यास किया इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि मैंने पूरे साल में बस कुछ ही दिन गेंदबाजी की। इस प्रतिबंध के बाद शेन ने ऑस्ट्रेलियाई टीम में 2004 में श्रीलंका के खिलाफ वापसी की जिसमें उन्होंने मैन ऑफ द सीरीज का खिताब भी जीता। ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका को 3-0 से क्लीन स्वीप किया था जिसमें शेन की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।