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50 साल के हुए बॉल ऑफ द सेंचुरी फेंकने वाले शेन वॉर्न, जानिए उनसे जुड़े कुछ रोचक किस्से

26 साल पहले शेन वॉर्न ने 1993 के एशेज के दौरान ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में इंग्लैंड के माइक गेटिंग को जिस गेंद...
50 साल के हुए बॉल ऑफ द सेंचुरी फेंकने वाले शेन वॉर्न, जानिए उनसे जुड़े कुछ रोचक किस्से

26 साल पहले शेन वॉर्न ने 1993 के एशेज के दौरान ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में इंग्लैंड के माइक गेटिंग को जिस गेंद पर बोल्ड किया था, उसे 'शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ गेंद' कहा जाता है। उस गेंद ने वॉर्न की जिंदगी ही बदल कर रख दी थी। आज (शुक्रवार) इस दिग्गज का जन्मदिन है। 13 सितंबर 1969 को विक्टोरिया में जन्मे शेन वॉर्न 50 साल के हो गए हैं।

दुनिया के लगभग सभी बल्लेबाजो को अपनी फिरकी में फंसाया

वे एक ऐसे गेंदबाज थे, जिसके इशारे पर गेंद ऐसे घुमती मानों उसने किसी तोतें की तरह गेंद को अपने टर्न रटवा दिए हो। पहली, दूसरी और तीसरी उंगुली में फंसाकर उसकी फेंकी गेंदें वहां से विकेट ले उड़ती, जहां किसी और गेंदबाज की गेंद टप्पा खाने के बाद बल्लेबाजी टीम के खाते में पांच रन मुफ्त में जोड़ जाती। पाकिस्तान के अब्दुल कादिर के बाद ऑस्ट्रेलियाई उछाल और ठोस पिच पर पसीना बहा कर एक गेंदबाज उभरा जिसने, पूरी दुनिया के बल्लेबाजो को अपनी फिरकी में फंसाया। 

90 डिग्री तक घूमी थी वो गेंद

शेन वॉर्न (1992-2007) ने अपने 15 साल के क्रिकेट करिअर में कई बेहतरीन गेंदें फेंकीं, लेकिन जो गेंद लोगों के दिलों दिमाग में घर गई, वो गेंद 1993 में एशेज सीरीज के दौरान वार्न ने फेंकी थी। एक ऐसी गेंद जिसे 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' कहा गया। वॉर्न ने अपनी लेग स्पिन पर माइक गेटिंग को बोल्ड किया, वो गेंद लगभग 90 डिग्री तक घूमी थी। वॉर्न की गेंद लेग स्टंप के काफी बाहर पिच हुई और ऐसा लग रहा था कि गेंद वाइड हो सकती है, गेटिंग ने उसे खेलने का प्रयास नहीं किया। इस बीच तेजी से टर्न हुई गेंद गेटिंग को चकमा देते हुए उनके ऑफ स्टंप पर जा लगी, जिसे देखकर सभी हैरान रह गए।

टेस्ट में 708 विकेट चटकाए हैं

वॉर्न ने कलाई की जादूगरी से अपने समय के लगभग सभी दिग्गजों को अपनी फिरकी के जाल में फंसाया। वॉर्न ने अपने 145 मैचों के टेस्ट करिअर में 708 विकेट चटकाए, जो मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) के बाद टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक है। वॉर्न ने करिअर की शुरुआत जनवरी 1992 में सिडनी टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ की थी। उन्होंने रवि शास्त्री को अपना अपना पहला शिकार बनाया था। तब शास्त्री 206 रन बनाकर वॉर्न की गेंद पर लपके गए थे।

कभी नहीं बन पाए ऑस्ट्रेलिया के कप्तान

शेन वॉर्न ने अपना आखिरी टेस्ट जनवरी 2007 में खेला था। 1999 में वह ऑस्ट्रेलिया के उपकप्तान भी बने, लेकिन उन्हें कभी कप्तान बनने का मौका नहीं मिला और इसका उन्हे हमेशा मलाल रहा। वैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद वॉर्न ने आईपीएल में पहली बार कप्तानी की और पहले ही सीजन में राजस्थान रॉयल्स को चैम्पियन बना डाला था।

उनके सपने में आते थे सचिन तेंडुलकर

शेन वॉर्न की जिंदगी में यू तो कई किस्से और विवाद रहे लेकिन वहीं एक दिलचस्प वाकया मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर से जुड़ा हुआ है। वॉर्न ने खुलासा किया था कि सचिन उनके सपने में भी छक्का मारकर डराया करते थे। सचिन ने 1998 में शारजाह में वॉर्न की गेंदों की ऐसी पिटाई की थी, कि उन्हें सपने में भी 'सचिन' नजर आने लगे थे।

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