अफगानिस्तान के खिलाफ एक बहुत धीमी पारी खेलने का बाद आलोचनाओं से घिरे महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला आखिर चल निकला, लेकिन इसके लिए उन्हें और टीम इंडिया को विकेटकीपर शाई होप का शुक्रगुजार होना पड़ेगा। होप ने आठ के निजी स्कोर पर धोनी की आसान स्टंपिंग नहीं छोड़ी होती तो भारत अफगानिस्तान मुकाबले की तरह एक बार फिर मुसीबत में घिरा होता। धोनी जीवनदान पाकर 61 गेंदों में 56 रन की नाबाद पारी खेल जरूर फॉर्म में आ गए हैं, लेकिन नंबर चार पर विजय शंकर और केदार जाधव की असफलता ने टीम इंडिया के मध्यक्रम चर्चाओं का बड़ा केंद्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
शंकर ने बनाए मात्र 58 रन
टीम इंडिया के ऑलराउंडर विजय शंकर ने एक बार फिर से सभी को अपनी बल्लेबाजी से निराश किया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ शंकर 19 गेंदों पर केवल 14 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। शंकर के विश्वकप में चयन नंबर चार पर खेलने के लिए हुआ था, लेकिन वह लगातार इस पोजिशन पर फेल होते जा रहे हैं। विश्व कप में खेले तीन मैचों में नंबर चार पर बल्लेबाजी करते हुए शंकर ने मात्र 58 रन बनाए हैं।
ऋषभ पंत को आजमाया जा सकता है
वर्ल्ड कप के लिए जब टीम इंडिया का ऐलान किया गया तब विजय शंकर को मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने थ्री-ड़ी खिलाड़ी बताया था। विजय शंकर को अंबति रायडू पर तरजीह दी गई थी। आपको बता दें कि शंकर ने पाकिस्तान के खिलाफ 15, अफगानिस्तान के खिलाफ 29 और वेस्ट इंडीज के खिलाफ 14 रन बनाए हैं वेस्टइंडीज के खिलाफ मुकाबले में भी संकट की घड़ी में टीम को संभाल नहीं सके और आउट हो गए, इसके बाद सोशल मीडिया ने शंकर जमकर ट्रोल भी किया। विजय शंकर की जगह टीम मैनेजमेंट ऋषभ पंत को आजमा सकती है। ऋषभ पंत बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं जो तेज पारियां खेलने के लिए ही जाने जाते हैं और चार नंबर पर बिल्कुल सटीक बैठेंगे।
केदार जाधव भी रहे हैं विफल
केवल विजय शंकर ही नहीं केदार जाधव ने भी कोई खास प्रदर्शन नहीं किया है। इन दोनों का प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा है। विराट कोहली को सेमीफाइनल जैसे अहम मुकाबले से पहले जल्द ही इनके विकल्प आजमाने की जरूरत है। नहीं तो आगे बड़े मुकाबले में भारत को यह कमजोरियां काफी महंगी पड़ सकती हैं।
केवल एक अर्धशतक बनाया है
मिडिल ऑर्डर में केदार जाधव बड़ी पारियां खेलने में नाकाम साबित हो रहे हैं, जिससे टीम इंडिया को आने वाले मैचों में परेशानी हो सकती है। वेस्टइंडीज के खिलाफ जाधव के पास लंबी पारी खेलने के लिए एक बड़ा मौका था, लेकिन वह 10 गेंदों में 7 रन बनाकर अपना विकेट गंवा बैठे। बता दें कि जाधव ने अफगानिस्तान के खिलाफ 68 गेंदों में 52 रनों की पारी खेली थी और महेंद्र सिंह धोनी के साथ मिलकर भारतीय पारी को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया था। इसके बाद सचिन तेंडुलकर ने इसी साझेदारी को लेकर सवाल भी उठाए थे।
जडेजा हैं एक बेहतर विकल्प
केदार जाधव की जगह रवींद्र जडेजा को प्लेइंग इलेवन में जगह देने की बात भी चल रही है। भारत सेमीफाइनल के करीब है और मध्यक्रम मजबूत नहीं हुआ तो टीम को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। कोहली के पास रवींद्र जडेजा के रूप में एक बेहतर खिलाड़ी का विकल्प मौजूद है, जो बीच में आकर तेजी से रन बटोर सकता है और अंतिम ओवरों में भी धमाकेदार शॉट लगा सकता है। साथ ही उनका तीसरे स्पीन गेंदबाज के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
गेंदबाजी हिट, बल्लेबाजी फ्लॉप
वहीं, बात करें टीम की तो उसे जीत जरूर मिल रही है लेकिन अगर आपने गौर किया हो तो पिछले दो मैचों में वह बड़ा स्कोर बनाने से वंचित रही है। भारत ने छह मैचों में पांच जीत दर्ज की है जबकि उसका एक मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था। भारत 11 अंकों के साथ 10 टीमों की अंकतालिका में दूसरे स्थान पर है। भारतीय टीम की गेंदबाजी बशर्ते शानदार रही लेकिन उसकी बल्लेबाजी ने जरूर कप्तान और टीम प्रबंधन को थोड़ा परेशान कर दिया होगा।
रोहित शर्मा का चलना जरूरी
टीम के बड़े स्कोर ना बनाने के पिछे दो बड़े कारण हैं एक रोहित शर्मा का पिछले दो मैचों में विफल रहना और दूसरा मध्य क्रम की लगातार विफलता। इस विश्व कप में जब-जब रोहित शर्मा का बल्ला चला है भारत ने बड़ा स्कोर खड़ा किया है। शिखर धवन के जाने के बाद उनकी महत्वता और भी बढ़ गई है। पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 140 रन की पारी खेल यह बताया भी, लेकिन रोहित अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ नहीं चले। नतीजन टीम तीन सौ का स्कोर पार नहीं कर सकी। ऐसे में अब देखना यह होगा कि क्या कप्तान और टीम प्रबंधन आने वाले महत्वपूर्ण मुकाबलो के लिए टीम में कोई बदलाव करेंगे या विजयी टीम के साथ कोई छेड़-छाड़ नहीं की जाएगी।