विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हारकर टीम इंडिया बाहर हो गई थी। इसके बाद से टीम के प्रदर्शन पर कई तरह के सवाल उठे थे, इनमें से एक सवाल था कि जब मैच के दौरान टीम के विकेट लगातार गिर रहे थे, तब धोनी को नंबर चार या पांच पर बल्लेबाजी के लिए न भेजकर नंबर सात पर क्यों भेजा गया? इसको लेकर अब टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने अपनी खामोशी तोड़ी है।
सभी फैसले मैं अकेले नहीं लेता
बांगड़ ने कहा कि टीम में मैं ही अकेले सभी फैसले नहीं लेता हूं, बाकी सभी की सहमति भी होती है। उन्होंने कहा कि हमने यह तय किया था कि हमारे मध्यक्रम को लचीला होना चाहिए, क्योंकि सवाल नंबर पांचवें छठे या सातवें क्रम का नहीं था। हमारा मकसद था कि हम 30 से 40 ओवर के बीच अधिक से अधिक रन बटोरें। बांगड़ ने कहा कि सेमीफाइनल में लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआती 30-40 मिनट में ही हमने अपने तीन महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए थे, जिसका खामियाजा हमें हार के रूप में भुगतना पड़ा, लेकिन टीम ने अंत तक संघर्ष किया। अगर धोनी ने लाइन पार कर ली होती, तो यह एक असाधारण रन चेज होता।
इस फैसले से सभी सहमत थे
बांगड़ ने कहा कि विराट ने सेमीफाइनल के बाद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा था कि अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के बाद यह निर्णय लिया गया था कि धोनी थोड़ा नीचे बल्लेबाजी कर सकते हैं। उस समय तक उन्होंने नंबर पांच पर बल्लेबाजी की थी। चूंकि वह डेथ ओवर्स में तेजी से रन बटोर सकते हैं और अपने अनुभव के साथ निचले क्रम को भी ध्यान में रखकर बल्लेबाजी करते हैं। इसलिए, उन्हें सेमीफाइनल में निचले क्रम में बल्लेबाजी के लिए भेजा गया पर यह फैसला मेरा खुद अकेले का नहीं था, सभी इससे सहमत थे।
सलाह मशविरे के बाद ही लिया था ये फैसला
उन्होंने आगे कहा कि चेंज रूम में सलाह मशविरा करने के बाद दिनेश कार्तिक को पांचवें नंबर पर भेजा गया ताकि वह स्थिति को संभाले और हमारे सबसे अनुभवी बल्लेबाजी धोनी को फिनिशर की भूमिका के लिए छोड़े। रवि शास्त्री ने कहा था कि यह टीम का फैसला था। फिर मुझे समझ नहीं आ रहा कि धोनी को नंबर-7 पर भेजने का फैसला अकेले मेरा कैसे था।
सेमीफाइनल में मिली हार के बाद टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने भी कहा था कि पूरी टीम चाहती थी कि धोनी निचले क्रम में बल्लेबाजी करें और अपने फिनिशिंग के अनुभव का फायदा उठाकर खेल को शानदार तरीके से खत्म करें। शास्त्री ने यह भी कहा था कि अगर हम ऐसा नहीं करते, तो धोनी की फिनिशिंग की काबिलियत के साथ हम इंसाफ नही कर पाते।
वेस्टइंडीज दौरे तक रहेंगे टीम के साथ
बता दें कि संजय बांगड़ टीम इंडिया के साथ वेस्टइंडीज दौरे पर बने रहेंगे। बीसीसीआई ने टीम के सभी सहयोगी स्टाफ का कार्यकाल विश्व के बाद वेस्टइंडीज दौरे तक लिए बढ़ा दिया है। बोर्ड ने टीम इंडिया के लिए नए कोच और सपोर्टिंग स्टाफ के लिए आवेदन मंगाए हैं। सेमीफाइनल की हार के बाद ये चर्चा थी कि हार की गाज टीम के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ पर गिर सकती है। भारत के पूर्व ऑलराउंडर रहे संजय बांगड़ 2014 में टीम से बतौर बल्लेबाजी कोच जुड़े थे। उन्होंने 50 टेस्ट और 119 एकदिवसीय मैचों में टीम के बल्लेबाजों को सुधार के लिए निर्देशित किया है।