कार्तिक का तर्क सामान्य है। उनका कहना है कि इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी जगहों पर हालात बिलकुल अलग हैं और ऐसे में सफलता की गारंटी नहीं है। वर्ष 2000 से 2007 के बीच भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्तिक ने पीटीआई से कहा, मैं इस पर (विदेशों में अश्विन सफल रहेगा या नहीं) टिप्पणी करने वाला कोई नहीं होता। विदेशों में हालात बिलकुल अलग हैं इसलिए समय ही बताएगा।
अश्विन ने विराट कोहली के साथ मिलकर हाल में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई है जिससे दुनिया की नंबर एक टीम लगातार पांच श्रृंखला जीत चुकी है।
महान बल्लेबाज रहे सचिन तेंदुलकर ने हाल में घरेलू क्रिकेट दो अलग पिचों पर दोनों पारियों में दो अलग गेंदों (कूकाबूरा और एसजी) से खेलने का प्रस्ताव रखा था। इस विचार को हाल में एमसीसी ने नकार दिया।
कार्तिक का मानना है कि दुनियाभर में सिर्फ एक ब्रांड (एसजी, ड्यूक्स या कूकाबूरा) का इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने कहा, निजी तौर पर मेरा मानना है कि कूकाबूरा भारतीय हालात में काम नहीं करेगी। यहां की पिचें गेंद के अनुकूल नहीं हैं और 15 ओवर के बाद स्पिनर हों या तेज गेंदबाज उन्हें कोई मदद नहीं मिलेगी।
कार्तिक ने कहा, निजी तौर पर मेरा मानना है कि दुनिया भर में सिर्फ एक गेंद का इस्तेमाल होना चाहिए जो प्रत्येक हालात में सभी के अनुकूल हो। मुझे नहीं पता कि सचिन ने किस संदर्भ में बोला लेकिन इस विषय पर यह मेरा नजरिया है।
भाषा