भारत के खिलाफ आगामी सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम में शामिल किए गए सीन एबॉट ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान किए गए प्रशिक्षण से राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी का मौका मिलता है तो वह उसे जाने नहीं देंगे।
टेस्ट मैचों में अपने पर्दापण का इंतजार कर रहे एबॉट ने कहा, ‘‘मुझे हारना पसंद नहीं है, इसलिए हर बार बड़ा स्कोर खड़ा करने में विफल हो जाने या शून्य पर ऑउट होने से निराशा होती है। नौवें या दसवें नबंर पर बल्लेबाजी के दौरान जब आपको नाइटवॉचमैन की भूमिका निभाने को कहा जाता रहा तो आपका हमेशा प्रयास पिच पर पहुंचते ही गेंदों पर प्रहार शुरू करना होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब कुछ वर्षों पूर्व मैं न्यू साउथ वेल्स के लिए नाथन लियोन की जगह नाइटवाचमैन के तौर पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरता था तब कभी नहीं सोचा था कि एक दिन सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करूंगा। मैंने अपनी बल्लेबाजी पर काम किया और धीरे-धीरे उसमें सुधार किया। मुझे ऊपरी क्रम में कुछ मौके मिले जिसमें मैंने रन बनाएं। मैं भाग्यशाली हूं कि उन्होंने मेरी बल्लेबाजी प्रतिभा को पहचाना और मुझे मौके दिए।’’
एबॉट ने शेफील्ड शील्ड के 2019-20 सीजन में 33.28 की औसत से बेहतर प्रदर्शन किया और इसके बाद मौजूदा सत्र के दौरान तस्मानिया के खिलाफ प्रथम श्रेणी में अपना पहला शतक बनाया। हालिया शेफील्ड शील्ड टूर्नामेंट में उनका औसत 130.5 का है। एबॉट को हालांकि, टेस्ट टीम में पर्दापण का मौका उनकी गेंदबाजी कौशल के ही आधार पर मिलने की उम्मीद है। वह इस सत्र में शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और उन्होंने शेफील्ड शील्ड ट्रॉफी में 18 से कम की औसत से 14 विकेट हासिल किए। उनके अच्छे फॉर्म का इसे से पता चलता है कि उन्होंने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सपाट विकेट पर छह विकेट हासिल किए।
गेंदबाजी ऑलराउंडर एबॉट ने माना कि पूर्व रग्बी खिलाड़ी थॉमस कार्टर और न्यू साउथ वेल्स के कंडीशनिंग कोच रॉस हेरिज ने उन्हें बेहतर बनाने में मदद की।