रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के गुस्साए कप्तान विराट कोहली ने आईसीसी एलीट पैनल अंपायर एस रवि पर रोष प्रकट किया। एस रवि ने आईपीएल में कल खेले गये मुंबई और बैंगलौर मैच में लसिथ मलिंगा के द्वारा फेंकी गई आखिरी गेंद, जो एक नो-बॉल थी, को हारने वाली टीम को नहीं दिया था। अगर वो नो-बॉल दी होती तो परिणाम कुछ और भी हो सकते थे। यह कुछ ऐसा था जो मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने भी स्वीकार किया था।
कोहली ने कहा यह क्लब क्रिकेट नहीं है
कोहली ने मैच के बाद के प्रेजेंटेशन सेरेमनी में कहा कि हम आईपीएल स्तर पर खेल रहे हैं। यह क्लब स्तर का नहीं है, अंपायरों की आंखें खुली होनी चाहिए, यह एक बड़ी नो-बॉल थी। उनका यह एक बेहद खराब फैसला था और क्रिकेट में ऐसे फैसले खेल का रूख बदल देते हैं। यह एक तेज खेल है और इसमें अंपायारो को सक्रिय और सावधान रहना होगा। संयोग से, रवि कई वर्षों से आईसीसी के एलीट पैनल में एकमात्र भारतीय अंपायर हैं, क्योंकि दूसरों में से कोई भी इतना अच्छा नहीं है कि जिसको यह सम्मान मिला हो।
फ्री-हिट मिलता तो नतीजा कुछ और ही होता
जीत के लिए 7 और सुपर ओवर में ले जाने के लिए 6 रन की जरूरत थी जब मलिंगा के फुल टॉस से केवल एक रन मिला, लेकिन टीवी रीप्ले से पता चला कि गेंदबाज ने ओवरस्टेप किया था और इस पर फ्री हिट मिलनी चाहिए थी। अगर यह फ्री-हिट होता, तो एबी डिविलियर्स जो 70 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, इसका सामना करते और आरसीबी यह मैच जीत सकती थी।
कोहली ने कहा कि उनकी टीम को और बेहतर गेंदबाजी करनी चाहिए थी खासकर जब मुंबई के सात विकेट गिर चुके थे, आखिरी के कुछ ओवर हमारे लिए काफी मंहगे रहे थे। उस समय बुमराह के खिलाफ तेज खेलने की कोशिश करना मेरी एक गलती थी। बुमराह किसी भी टीम में एक अहम खिलाड़ी के रूप में खेलते हैं और उनकी उपस्थिति टीम को मजबूती देती है।
रोहित ने भी की अंपायरिंग की आलोचना
विजेता कप्तान रोहित ने भी अंपायरिंग को लेकर सवाल उठाया। रोहित ने दूसरे अंपायर सी नंदन द्वारा दिए गए निर्णय का उल्लेख करते हुए कहा कि ईमानदारी से, मैं बस इतना जानता हूं कि लाइन को पार करने के बाद फेंकी गई बाॅल नो-बॉल होती है। खेल के लिए इस तरह की गलतियां सही नहीं हैं। बुमराह के ओवर से पहले, एक गेंद जो वाईड बॉल नहीं थी, लेकिन उसे वाईड दिया गया।
उन्होंने कहा कि 180 से अधिक के स्कोर पर आप मैच में लड़ सकते हैं। हालांकि यह एक सुरक्षित स्कोर नहीं था, लेकिन हमारे पास बेहतरीन गेंदबाज थे जो किसी भी स्कोर पर सामने वाली टीम को रोक सकते हैं। भले ही विराट और एबी की साझेदारी हो रही थी, लेकिन हम घबराए नहीं। मुझे लगा कि हम अपनी योजनाओं पर अड़े हैं और यह गेंदबाजों द्वारा किया गया एक शानदार प्रयास था। इस पिच पर हमें बल्ले से कम से कम 200 रन बनाने चाहिए थे।