Advertisement

उ.प्र. क्रिकेट संघ के कई अधिकारियों को छोड़ना पड़ेगा पद

उच्चतम न्यायालय ने लोढ़ा समिति की प्रमुख सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और ऐसे में सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) को लगेगा जिसके सभी पांच निदेशक 70 साल से अधिक उम्र के हैं और उनके कोषाध्यक्ष को भी अपना पद छोड़ना पड़ेगा।
उ.प्र. क्रिकेट संघ के कई अधिकारियों को छोड़ना पड़ेगा पद

 विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार यूपीसीए के सभी पांच निदेशकों की उम्र 70 साल से अधिक है। इनमें शोएब अहमद (78 वर्ष), पीडी पाठक (83), मदन मोहन मिश्रा (83), एस के अग्रवाल (79) और ज्योति बाजपेयी (80) हैं। इनके अलावा कोषाध्यक्ष केएन टंडन (81) भी लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के दायरे में आ रहे है। हितों के टकराव के मुद्दे पर देखें तो यूपीसीए के सीएओ दीपक शर्मा और सीनियर चयन समिति के सदस्य ज्ञानेंद्र पांडे इसकी गिरफत में आ रहे है। शर्मा के दो बेटे अंडर 19 में खेलते है वहीं पांडे का भतीजा रणजी ट्राफी के संभावित खिलाडि़यों में शामिल हैं। वैसे लोढ़ा समिति की इन सिफारिशों से पूर्व रणजी खिलाड़ी काफी खुश हैं कि उन्हें यूपीसीए में अब मौका मिलेगा।

लोढ़ा समिति के एक व्यक्ति एक पद के दायरे में आईपीएल चेयरमैन और यूपीसीए सचिव राजीव शुक्ला भी आ रहे है क्योंकि इनके पास भी दो पद है। वैसे यूपीसीए के अधिकारियों का कहना है कि शुक्ला इन नियमों के दायरे में नही आते है क्योंकि आईपीएल के चेयरमैन का पद सीधे बीसीसीआई से नहीं जुड़ा है। उत्तर प्रदेश रणजी टीम के एक पूर्व खिलाड़ी ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कहा कि उम्र तय कर देने से अब पूर्व खिलाडि़यों को यूपीसीए में काम करने का मौका मिलेगा। अभी तक वे लोग संघ से जुड़े थे जिन्होंने कभी बल्ला भी नहीं पकड़ा और खिलाडि़यों को उनकी मनमानी सहनी पड़ती थी।

एजेंसी

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad