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'जीत की पताका सरजमीं के बाद दुनिया में भी लहराना चाहिए'

ऑस्‍ट्रेलिया पर टेस्ट श्रृंखला में मिली जीत की तारीफ करते हुए सुनील गावस्कर ने कहा कि अब भारतीय टीम को विदेशी सरजमीं पर भी यह प्रदर्शन दोहराना चाहिये। गावस्कर ने कहा कि हर भारतीय क्रिकेटर विदेशी हालात में जीतना चाहता है क्योंकि इसका संतोष ही अलग होता है।
'जीत की पताका सरजमीं के बाद दुनिया में भी लहराना चाहिए'

उन्होंने कहा, हम हमेशा से विदेश में जीतना चाहते हैं और अपने खिलाडि़यों के लिये भी यही चुनौती रखते हैं। घरेलू हालात से हम वाकिफ हैं और अपनी धरती पर अच्छा खेलना बढ़िया है क्योंकि यही अपेक्षा की जाती है। विदेश में जीतने का अलग ही संतोष है। अलग हालात में जीतने से बड़ी खुशी मिलती है।

गावस्कर ने मीडिया से कहा, अनिल कुंबले के कोच रहते हमारी टीम सही राह पर जा रही है। अनिल के पास ना सिर्फ अपार अनुभव है बल्कि वह आक्रामक गेंदबाज भी है। उसके पास तेज गेंदबाज वाले तेवर है और वही तेवर गेंदबाजों ने भी दिखाये।

उन्होंने कहा, उमेश यादव का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। उसने 13 में से 12 मैच खेले और उनमें काफी आक्रामक तेवर दिखाये। आपके पास ईशांत शर्मा है, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार है। भविष्य में आप रोटेशन कर सकते हैं।

गावस्कर ने अजिंक्य रहाणे की कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा, विराट कोहली दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से हैं और उसके बिना उतरकर भी पांच गेंदबाजों और पांच बल्लेबाजों के साथ खेलना बेहतरीन है। रहाणे ने हालात का बखूबी सामना किया और दिखा दिया कि उसके पास खेल की कितनी समझ है।

गावस्कर ने चेतेश्वर पुजारा और केएल राहुल की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, कई लोग चेतेश्वर पुजारा के योगदान को समझ नहीं पाते। वह एक छोर संभालकर दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को हौसला देता है। उसके पास क्रिकेट के सारे शाट्स हैं और जरूरत के मुताबिक वह उन्हें खेलता है।

उन्होंने कहा, पांच दिन के खेल में क्रीज पर डटे रहना जरूरी है। भारतीय डेसिंग रूम को पता है कि वह कितना बड़ा खिलाड़ी है। राहुल द्रविड़ को वाल कहा जाता था लेकिन मैं पुजारा को दीवार कहूंगा। भाषा

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