इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले क्रिकेट के महाकुंभ विश्व कप शुरू होने में अब 15 दिन से भी कम का समय बचा है। ऐसे में सभी टीमों ने कमर कस ली है। इंग्लैंड और भारत इस विश्व कप के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। भारतीय टीम की घोषणा हो चुकी है, टीम में 15 खिलाड़ी चुने गए हैं। विराट कोहली इस विश्व कप में पहली बार भारतीय टीम की कप्तानी करेंगे और यहां उनके ऊपर टीम को जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।
इन 15 में से अधिकांश खिलाड़ियों का प्रदर्शन हाल ही में हुए आईपीएल के 12वें संस्करण में शानदार रहा है। ऐसे में भारतीय टीम इस विश्व कप में बढ़े हुए मनोबल और आत्मविश्वास के साथ जाएगी। हालांकि अगर भारतीय टीम की कोई कमजोरी है तो वो कम अनुभव, क्योंकि इस टीम में काफी खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो पहली बार विश्व कप में खेलेंगे।
अनुभव कम पर प्रदर्शन शानदार
इन खिलाड़ियों में शामिल हैं के एल राहुल, विजय शंकर, केदार जाधव, दिनेश कार्तिक, यजुवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंड्या। हालांकि इन सब में से अधिकांश खिलाड़ी फार्म में चल रहे हैं। बात करें अगर पंड्या कि तो इस विश्व कप के लिए भारतीय टीम के एक्सफैक्टर माने जा रहे हैं। वहीं जसप्रीत बुमराह वनडे क्रिकेट दुनियां के नंबर एक गेंदबाज हैं। बुमराह दुनियां के सबसे खतरनाक डेथ ओवर्स के गेंदबाज माने जाते हैं। वह अबतक खेले 49 मैचों में 4.51 की इकोनॉमी से 85 विकेट ले चुके हैं।
चहल और कुलदीप की जोड़ी मुश्किल होगी समझनी
वहीं अगर बात करें स्पिन गेंदबाजी की तो भारत के पास यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की खतरनाक जोड़ी भी मौजूद है।यजुवेंद्र चहल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना जलावा बिखेर चुके हैं। अब तक खेले 41 वनडे मैचों में उनके नाम 4.89 की इकोनॉमी से 72 विकेट दर्ज है। बड़े-बड़े खिलाड़ियों की दिल में खौफ पैदा करने वाले चहल के लिए भी यह पहला विश्व कप होगा। साथ ही बात करें अगर कुलदीप की तो वे अपनी चाइनमैन गेंदबाजी से काफी नाम बटोर चुके हैं। कुलदीप ने अबतक 44 वनडे मैच खेले हैं। इन मैचों में उन्होंने 4.94 की इकोनॉमी से 87 विकेट ले लिए हैं।
कोहली की कप्तानी को होगा टेस्ट
एक कप्तान बल्लेबाज के रूप में विराट कोहली ने क्रिकेट के कई मंचों पर कड़े इम्तिहान पास किए हैं। बात चाहें अंडर-19 विश्व कप की हो या ऑस्ट्रेलयाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज फतह करने की या फिर टेस्ट क्रिकेट में दुनिया की नंबर एक टीम होने का रुतबा कायम करने की। विराट ने हर जगह छाप छोड़ी, लेकिन बतौर कप्तान-बल्लेबाज 30 मई से शुरू होने जा रहा आईसीसी विश्व कप उनकी सबसे बड़ी परीक्षा होगी। वे भी विश्व कप में पहली बार भारतीय टीम की कप्तानी करते नजर आएंगे। हालांकि हाल ही में हुए आईपीएल में उनकी कप्तानी पर कई सवालिया निशान भी उठे थे। लेकिन वो आईपीएल था और जब बात आती है भारतीय टीम की कप्तानी की तो उनके आंकड़े कुछ और ही गवाही देते हैं।
अब पहले से ज्यादा जिम्मेदार हैं
2011 और 2015 के विश्व कप में विराट खेल चुके हैं लेकिन बतौर कप्तान उनका यह पहला विश्व कप है, लेकिन विराट मानसिक रूप से बहुत मजबूत हैं और उन्हें जिम्मेदारियां उठाना और चुनौतियों से लड़ने में मजा आता है। यह उनका बेहद सकारात्मक पक्ष है। वह पहले से ज्यादा जिम्मेदार भी हो गए हैं। रही बात विश्व कप में कप्तानी के दबाव में बिखरने की तो उनका रिकॉर्ड साफ बताता है कि कप्तानी ने उन्हें और ज्यादा निखारा है। उन्होंने अपनी कप्तानी में ज्यादा रन बनाए हैं। यही कारण है कि वह इस विश्व कप को विराट के लिए बड़ा लम्हा मानते हैं। वह इस चुनौती को लेकर बेहद उत्साहित हैं।
आंकड़े हैं साथ
विराट कोहली ने अब तक 49 मैचों में भारत की कप्तानी की है, जिनमें से 38 में उन्होंने जीत दर्ज की। उनका जीत प्रतिशत 79.1% है, जो कि न्यूनतम 30 मैचों में किसी भी कप्तान के लिए सबसे अधिक है। जिस तरह से भारतीय टीम सीमित ओवरों के प्रारूप में घर और बाहर दोनों खेल रही है, यह प्रतिशत भविष्य में और भी बढ़ सकता है साथ ही विश्व कप में भी भारत इसका फायदा उठा सकता है।
कोहली ने बताया धोनी को अमूल्य
वहीं अगर बात करें टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ी धोनी की तो वे टीम में एक तुरूप का इक्का साबित होंगे। उन्होने भारत को 2011 विश्व कप जिताया था, और भले ही कोहली कप्तान हो लेकिन उनका मार्गदर्शन धोनी ही करते हैं। उनके बारे में विराट कोहली ने कहा है कि दो बार के विश्व विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 'अमूल्य' हैं, खासकर विकेट के पीछे. कोहली ने कहा कि धोनी जिस निस्वार्थ भावना से खेलते हैं, वह उन्हें खास बनाती है। हकीकत यह है कि धोनी इस खेल को खेलने वाले सबसे स्मार्ट लोगों में से एक हैं। इससे मुझे अपना खेल खेलने की स्वतंत्रता मिलती है। धोनी जैसा इंसान अनुभव का खजाना है।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत का मैच 16 जून को
विश्व कप-2019 इंग्लैंड और वेल्स में 30 मई से 14 जुलाई तक खेला जाएगा। भारतीय टीम अपने अभियान की शुरूआत 25 मई को न्यूजीलैंड के खिलाफ वार्म अप मैच से करेगी और फिर 28 मई को बांग्लादेश के साथ दूसरा और अंतिम वार्म अप मैच खेलेगी। उसके बाद पांच जून को दक्षिण अफ्रीका की टीम से अपना पहला मैच खेलेगी और इसके अलावा अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ भारत का मैच 16 जून को ओल्ड ट्रैफोर्ड में खेला जाएगा। अब देखना यह होगा कि भारत इस बार अपना तीसरा विश्व कप जीत पाती है या नही।