भारतीय टीम बीती रात अंतिम टी20 मुकाबले में अंतिम गेंद पर हारने से बची, जिसके बाद उसने सीरीज 2-1 से अपने नाम की। बांगड़ ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, जिस भी खिलाड़ी को मौका मिला, उसने प्रभावित किया। मुझे लगता है कि यह अनुभव भविष्य में उनके लिये मायने रखेगा। उन्होंने कहा, इनमें से कुछ खिलाड़ी भारत ए टीम के साथ आस्ट्रेलिया जायेंगे और मुझे लगता है कि यहां पूरे समय खिलाडि़यों के प्रदर्शन को देख रहे चयनकर्ता प्रत्येक पर नजर लगाये थे तथा उन्होंने जो देखा होगा, उससे खिलाडि़यों को भविष्य के लिये निश्चित रूप से निर्धारित भी कर लिया होगा।
पहले टी20 में हारने के बाद वापसी करने के बाद बांगड़ ने कहा, जब आप तीन मैचों की सीरीज का पहला मैच गंवा देते हो तो दबाव बढ़ता ही है। मुझे लगता है कि जिस तरह से हमने दूसरे मैच में वापसी और तीसरे में धैर्य बनाये रखा, वह शानदार था। भारत के युवा बल्लेबाजों के बारे में एक सवाल के जवाब में भारतीय कोच ने कहा, टी20 ऐसा खेल है, जिसमें कई तरह के फैसले दबाव में करने होते हैं। बांगड़ ने कहा, कभी कभार आप जो फैसले करते हो, वो शानदार लगते हैं। लेकिन अगर आप किसी भी फैसले में असफल हो जाते हो तो इससे आप पर सवालिया निशान लग जाते हैं। टी20 तेज और स्फूर्ति वाला क्रिकेट है। लेकिन खिलाडि़यों ने जिन हालात में फैसले लिये, उससे मैं संतुष्ट हूं। केदार जाधव के उपयोगी योगदान से प्रभावित बांगड़ ने कहा कि उसने अपनी काबिलियत साबित कर दी। जाधव ने अंतिम टी20 मैच में 42 गेंद में 58 रन की पारी खेली। उन्होंने कहा, वह दूसरी बार बल्लेबाजी के लिये उतरा और उसने शानदार पारी खेली। उसे कुछ समस्या थी क्योंकि वह अच्छा महसूस नहीं कर रहा था लेकिन वह क्रीज पर टिका रहा। मुश्किल पिच पर उसने जो पारी खेली, वह उसकी काबिलियत दिखाती है। वह मिले मौकों का फायदा उठाने के लिये सबकुछ कर रहा है। बांगड़ को लगता है कि अक्षर पटेल भी उपयोगी आल राउंडर बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा, पूरी श्रृंखला के दौरान, वह दबाव में रहा और शायद वह सबसे ज्यादा किफायती गेंदबाज रहा। मुझे उसके सही आंकड़े नहीं पता लेकिन उसके प्रदर्शन में निरंतरता है और उसने गेंदबाजी में ही नहीं बल्कि क्षेत्ररक्षण के दौरान भी दबाव का बेहतर सामना किया। महेंद्र सिंह धोनी द्वारा युवा खिलाडि़यों की टीम की अगुवाई करने के बारे में बांगड़ ने कहा, धोनी ने खिलाडि़यों से काफी बात की और उनके साथ जुड़ने की कोशिश की। शायद उन्हें डिनर पर भी आमंत्रित किया। उसने युवाओं को सहज बनाने के लिये काफी कुछ किया। उसने युवा खिलाडि़यों के साथ अपने अनुभव साझा किये और बताया कि दबाव भरे हालातों का कैसे सामना किया जाये।