फीफा के खुमार के बीच भारत में फुटबॉल प्रेमियों के लिए बुरी खबर आई है। इंडोनेशिया में होने वाले एशियाई खेलों में हिस्सा लेने के लिए भारतीय पुरुष और महिला फुटबॉल टीमों को अनुमति नहीं मिली है। एक ओर जहां भारत फीफा में खेलने का सपना संजोया हुआ है ऐसे में एशियाई खेलों में भी भारत की एन्ट्री नहीं हो पाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि फुटबॉल को लेकर प्रशिक्षण, प्रोत्साहन की भारी कमी जिससे पार पाए बिना इस दिशा में आगे नहीं बढ़ा जा सकता।
क्यों नहीं मिली एन्ट्री
आईओए के नियमों के मुताबिक महाद्वीपीय स्तर पर एक से आठ के बीच रैंकिंग वाली राष्ट्रीय टीमों को ही एशियाई खेलों में हिस्सा लेने की स्वीकृति दी जाएगी। भारतीय टीम की एशिया में रैंकिंग 14 है और यही कारण है कि पिछले कुछ समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टीम को एशियाई खेलों में खेलने की स्वीकृति नहीं मिली।
क्या कहते हैं फुटबॉल प्रेमी
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने अखिल भारतीय फुटबॉल संघ और भारत सरकार से इस खेल की ओर ध्यान देने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मुझे आशा है कि सरकार एशियाई खेलों 2018 में भाग लेने के लिए भारतीय फूटबॉल को सही तरीके से समर्थन देगी। मानदंड केवल पदक और रैंक नहीं हो सकता क्योंकि खेल बहुत बड़ा है! एक पीढ़ी को खेलना, जीतना और प्रेरणा देना है! मुझे आशा है कि इस मुद्दे को एआईएफएफ और सरकार द्वारा हल किया जाएगा।”
I hope the Govt supports @IndianFootball properly to participate in the Asian Games 2018. The criterion can’t just be medals and ranks because sports is much larger! It’s about playing, winning, inspiring a generation! I hope the issue is sorted out betn AIFF & Govt and we play
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) July 1, 2018
उन्होंने आगे कहा कि देश के हर खेल के टीमों को हर संभावित टूर्नामेंट में भाग लेना, खेलना जारी रखना है। ट्रेन करने और जीतने का प्रयास भी करना है। भागीदारी एक प्रोत्साहन है। अन्यथा हमारे खेल केवल सोशल मीडिया पर ही बनकर रह जाएंगे।
एआईएफएफ में है नाराजगी
आईओए के इस फैसले से पिछले 3 सालों से खेलों की तैयारी में लगे खिलाड़ी और भारतीय फुटबॉल फेडरेशन(एआईएफएफ) में बेहद नाराजगी है। भारतीय फुटबॉल संघ ने सीधे आईओए पर फुटबॉल को ना समझने के आरोप लगाए हैं। एआईएफएफ ने अपने बयान में कहा कि आईओए के पास कोई विजन और क्षमता नही है कि वो ये समझ सके कि फुटबॉल एक वैश्विक खेल है जिसे दुनिया भर के 212 देश खेलते हैं और एशिया की टॉप 5 टीमें फीफा वर्ल्ड कप खेलती हैं जहां का स्तर एशियन गेम्स से कहीं ऊपर है।