दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में भारत और अमेरिका के बीच शुक्रवार को फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप का ऐतिहासिक फुटबॉल मुकाबला खेला गया। पहले मैच में यूएसए ने मेजबान भारत को 3-0 से हरा दिया। मैच में यूएसए की तरफ से सार्जेंट, क्रिश डरकिन और एंड्र्यू कार्लटन ने एक-एक गोल कर अपनी टीम की जीत में अहम योगदान दिया। भारत का अगला मुकाबला 9 अक्टूबर को कोलंबिया से होगा। फीफा विश्व कप में पहली बार कदम रख रही भारतीय टीम मजबूत अमेरिकी टीम के सामने मैदान में थी। शुरूआती वक्त में अमेरिका की टीम ने गेंद पर पकड़ बनाए रखी और भारत के खिलाड़ियों को काफी मुश्किलें आईं। जाहिर है भारत फीफा के किसी इवेंट में पहली बार भाग ले रहा है और खिलाड़ी कम उम्र के हैं इसलिए उन पर बड़े मैच का दबाव भी था।
इसके बावजूद भारत के खिलाड़ियों ने निराश नहीं किया। उन्होंने कई बार अमेरिका के गोल पोस्ट की तरफ आक्रामक मूव बनाए। जिन खिलाड़ियों ने अपने स्किल की वजह से ध्यान खींचा वो हैं कोमल थाटल और गोलकीपर धीरज सिंह। इन्हें देखकर लगता है कि भारत के फुटबॉल में संभावनाएं मौजूद हैं। हर गोल के बाद पूरी टीम बगैर मनोबल गंवाए पूरी ताकत से वापसी कर रही थी और अंत तक उसने ऐसा किया। इस मैच को आगे के मुकाबलों के लिए एक सबक की तरह भी लिया जा सकता है।
बता दें कि भारत को ग्रुप-ए में रखा गया है जहां उसके साथ अमेरिका के अलावा कोलंबिया और घाना जैसी फुटबॉल की दिग्गज टीमें हैं। अब भारतीय टीम का सामना नौ अक्टूबर को कोलंबिया और 12 अक्टूबर को घाना से होगा।
हालांकि फुटबॉल में भारत की स्थिति और प्रदर्शन को देखते हुए उसके नॉकआउट दौर में जाने की संभावना ना के बराबर है, लेकिन मेजबान अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी चुनौती देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत फुटबॉल के लिए मशहूर नहीं है, जबकि अमेरिका के पास बेहतरीन टीम है। उन्होंने फीफा अंडर-17 विश्व कप के 17 में से 16 संस्करणों में हिस्सा लिया है इस लिहाज से भारत का प्रदर्शन संतोषजनक ही माना जाएगा। हम उनसे अचानक करिश्मे की उम्मीद भी नहीं कर सकते। इस खेल में उसे अपना स्थान बनाने के लिए अभी लम्बा संघर्ष करना है।