फीफा वर्ल्ड कप को शुरू हुए छह दिन हो चुके हैं और अभी तक करीब इतने ही बड़े उलटफेर हुए हैं। एक तरफ डिफेंडिंग चैंपियन जर्मनी अपना पहला ही मैच हार गया तो दूसरी तरफ दो मैचों में शानदार जीत के साथ मेजबान रूस नॉकआउट राउंड में प्रवेश कर चुका है। शायद इन्हीं उलटफेर की वजह से फुटबॉल के इस महाकुंभ पर दुनिया भर की निगाहें रहती हैं। आइए जानते हैं अभी तक के छह सबसे बड़े उलटफेर के बारे मे...
1. जर्मनी की हारः जर्मनी वर्ल्डकप का मौजूदा चैंपियन है और पहले मैच में मेक्सिको के खिलाफ उसकी जीत पक्की मानी जा रही थी। पूरे मैच में लगभग 60 फीसदी समय तक गेंद पर जर्मनी का नियंत्रण रहा, लेकिन वह उसे भुनाने में नाकाम रहा। वहीं, मेक्सिको पहले हाफ में ही इर्विंग लोजानो के गोल की बदौलत बढ़त बनाने में सफल रहा।
टर्निंग प्वाइंटः इस मैच का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट यह रहा कि जर्मनी ने मैच में मैक्सिको के गोल पोस्ट पर कुल 25 बार हमले किए। इनमें से नौ निशाने पर थे। इसके बावजूद जर्मन टीम उसे गोल में तब्दील करने में असफल रही।
2. अर्जेंटीना बनाम आइसलैंडः अर्जेंटीना के लिए यह मुकाबला आसान माना जा रहा था। अपना पहला विश्वकप खेल रही आइसलैंड की टीम ने पिछले बार की उपविजेता अर्जेंटीना को बराबरी पर रोक कर सबको हैरान कर दिया।
टर्निंग प्वाइंटः मैच के 63वें मिनट में अर्जेंटीना को पेनल्टी मिली, लेकिन कप्तान मेस्सी उसे गोल में बदलने में नाकाम रहे। इसके अलावा मेस्सी के पास 82वें मिनट में भी गोल करने का मौका आया, लेकिन इस बार भी वह गेंद को गोल पोस्ट के अंदर नहीं भेज पाए।
3. स्विटजरलैंड ने ब्राजील को बराबरी पर रोकाः वर्ल्डकप के इतिहास में 1978 के बाद यह पहली बार था, जब ब्राजील अपना पहला मैच जीतने में असफल रहा। स्विटजरलैंड ने अपने पहले मुकाबले में पांच बार की चैंपियन ब्राजील को 1-1 से ड्रा पर रोक दिया। मैच में पहला गोल ब्राजील की तरफ से कुटिन्हो ने किया, लेकिन हाफ टाइम के स्विटरलैंड के स्टीवन जुबेर ने भी गोलकर टीम को बराबरी दिला दी।
टर्निंग प्वाइंटः नेमार का जादू इस मैच में बिल्कुल नहीं चला। ज्यादातर समय वे विरोधी खिलाड़ियों के निशाने पर रहे, जिससे कई बार उन्हें चोटिल भी होना पड़ा। इसके बावजूद मैच के आखिरी पलों में नेमार को फ्री किक पर गोल का मौका मिला, लेकिन उसे वह नहीं भुना सके।
4. जापान की जीतः ग्रुप एच में जापान ने विश्वकप का बड़ा उलटफेर कर इतिहास रच दिया। उसने 2014 के विश्वकप के क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाली कोलंबिया को 2-1 से करारी शिकस्त दी। फीफा विश्वकप के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी एशियाई टीम ने साउथ अमेरिकी टीम को हराया है।
टर्निंग प्वाइंटः इस मैच का टर्निंग प्वाइंट रहा कोलंबियाई मिडफील्डर कार्लोस सांचेज को रेड कार्ड मिलना। इसके साथ ही सांचेज विश्वकप 2018 में लाल कार्ड पाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। दरअसल, मैच के तीसरे मिनट में ही उन्होंने शिंजी कगावा का शॉट हाथ से रोका और रेफरी ने उन्हें लाल कार्ड दिखा दिया। इससे कोलंबिया को शुरू से ही 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा।
5. रूस का शानदार प्रदर्शनः मेजबान रूस ने अभी तक के अपने दोनों मैचों में प्रदर्शन से सभी को चौंकाया है। उसने पहला मैच सऊदी अरब से पांच गोल के बड़े अंतर से जीता। वहीं, दूसरे मैच में मोहम्मद सालेह जैसे स्टार खिलाड़ी से लैस मिस्र के खिलाफ भी उसका प्रदर्शन शानदार रहा और रूस दूसरा मुकाबला भी 3-1 से जीतने में सफल रहा।
टर्निंग प्वाइंटः रूस फीफा की रैंकिंग में 70वें पायदान पर है, लेकिन जिस तरह से वह अपने दोनों मैच जीती वह टर्निंग प्वाइंट माना जा सकता है। पहले मैच में 5-0 के बड़े अंतर से जीत और दूसरे मैच में मिस्र के स्टार खिलाड़ी मोहम्मद सालेह के होते हुए जिस तरह 3-1 से जीत दर्ज की वह काबिल-ए-तारीफ है। रूसी टीम जानती थी कि सालेह उनके लिए चुनौती बन सकते हैं, ऐसे में उसके मिडफील्डर युरी झिर्कोव सालेह से साये की तरह चिपके रहे। साथ ही, चोट का भय भी सालेह के प्रदर्शन पर साफ दिख रहा था।
6. पोलैंड का आत्मघाती गोल और सेनेगेल की जीतः ग्रुप एच में दूसरा बड़ा उलटफेर सेनेगल ने किया। सेनेगल ने पोलैंड के खिलाफ 2-1 से जीत दर्ज कर यह कारनामा किया। इस विश्वकप में यह किसी भी अफ्रीकी टीम की पहली जीत है, जबकि ऐसा पहली बार हुआ जब पौलैंड किसी अफ्रीकी टीम से हारा है।
टर्निंग प्वाइंटः पोलैंड का आत्मघाती गोल उसके लिए हार का सबब बना। तियागो सियोनेक ने पहले हाफ के 37वें मिनट में आत्मघाती गोल कर सेनेगल को बढ़त दे दी। बाद में सेनेगल ने एक और गोल दागकर अपनी जीत लगभग सुनिश्चित कर ली थी।