खिताब के प्रबल दावेदार माने जा रहे जर्मनी और इटली की टीम ने मैच में अपना सब कुछ झोंक दिया और निर्धारित समय पर मैच 1-1 से ड्रॉ खत्म हुआ। एक्स्ट्रा टाइम में भी नतीजा नहीं निकल सका जिसके बाद विजेता का फैसला शूटआउट के जरिए हुआ। कुल 18 पेनल्टी तक खिंचे मैराथन शूटआउट में जर्मनी के खिलाड़ियों का पलड़ा आखिरकार भारी साबित हुआ, जिसमें उन्होंने कुल छह सटीक निशाने दागे जबकि इटली की टीम पांच मौकों को ही भुना सकी।
यूरोप की दो टॉप टीमों की इस टक्कर में उम्मीद के मुताबिक रोमांच देखने को मिला जिसमें जर्मनी ने बाजी मारी। इस जीत के साथ ही जर्मनी ने बड़े टूर्नामेंट में मिली हार का बदला लेते हुए इटली के भ्रम को भी तोड़ दिया। इससे पहले वर्ल्ड चैंपियन जर्मनी का इटली के खिलाफ पिछला रिकॉर्ड काफी खराब रहा और उसने हर टूर्नामेंट के नॉकआउट में इटली से शिकस्त झेलनी पड़ी है। इसमें 1970 का वर्ल्ड कप फाइनल, दो सेमीफाइनल और यूरो कप 2012 के अंतिम चार का मुकाबला शामिल है। जर्मनी सेमीफाइनल में पहुंचने वाली तीसरी टीम बन गई है। अंतिम चार में टीम का सामना मेजबान फ्रांस और आइसलैंड के बीच होने वाले चौथे क्वार्टरफाइनल की विजेता से होगा।