Advertisement

बैडमिंटन में भारत की नजरें साइना पर

लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद देशवासियों की नूरे नजर बनी साइना नेहवाल पर एक बार फिर एक अरब से अधिक भारतीयों की उम्मीदों का दारोमदार होगा जब वह और छह अन्य बैडमिंटन खिलाड़ी रियो ओलंपिक में अपने अभियान का आगाज करेंगे।
बैडमिंटन में भारत की नजरें साइना पर

साइना ने अपने ओलंपिक अभियान का आगाज 18 बरस की उम्र में किया था जब वह बीजिंग ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। वह उसमें इंडोनेशिया की मारिया क्रिस्टीन यूलियांटी से हार गई थी जिसके बाद लंदन में उसने कांस्य पदक जीता। इस बार उसकी नजरें पीले तमगे पर है चूंकि ग्रुप जी में लोहानी विसेंटे और मारिया उलिटिना जैसे कम अनुभवी खिलाड़ी हैं।

साइना के लिये पिछले दो साल काफी उतार-चढाव भरे रहे जिसमें उसने अपने अभ्यास का केंद्र हैदराबाद से बेंगलूर शिफ्ट किया जहां उसने पूर्व मुख्य कोच विमल कुमार के साथ अभ्यास किया। उसने आल इंग्लैंड और विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीते जबकि इंडिया ओपन और चाइना प्रीमियर सुपर सीरीज खिताब जीतकर दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनी। पिछले साल के आखिर में लगी टखने की चोट के कारण वह जूझती रहीं और मलेशिया,  सिंगापुर और इंडोनेशिया में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद जून में आस्ट्रेलिया ओपन खिताब जीता। अब उसके पास ओलंपिक स्वर्ण जीतने का सुनहरा मौका है और साइना ने कहा कि वह इसी सप्ताह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगी।

साइना ने कहा, मैं टूर्नामेंट दर टूर्नामेंट रणनीति बनाती हूं। खेल के प्रति मेरा रवैया काफी सकारात्मक है और मैं अपने खेल पर ही फोकस रखना चाहती हूं। मेरा मानना है कि यदि मैं सौ फीसदी फिट हूं तो मेरे भीतर किसी को भी हराने की क्षमता है। उन्होंने कहा, मुझे लग रहा है कि मैं फिट हूं। यह अहम है कि उस सप्ताह आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे क्योंकि वही अहम है। मैं अपनी हाफ स्मैश पर कड़ी मेहनत कर रही हूं। साइना प्री क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड की पोर्नतिप बुरानाप्रासेत्सुक से खेलेगी और क्वार्टर फाइनल में उसका सामना गत चैम्पियन लि शुरूइ से हो सकता है। मौजूदा विश्व चैम्पियन और यूरोपीय चैम्पियन कैरोलिना मारिन सेमीफाइनल में उससे खेल सकती है बशर्ते शुरूआती मैचों में कोई उलटफेर नहीं हो।

महिला एकल में दो बार की विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता पीवी सिंधू ओलंपिक में पदार्पण के साथ अच्छा प्रदर्शन करना चाहेगी। उसने लि शुरूइ, यिहान वांग और कैरोलिना मारिन जैसे खिलाडि़यों को हराया है। उसके ग्रुप में हंगरी की सरोसी लौरा और राष्ट्रमंडल खेल चैम्पियन कनाडा की मिशेले ली जैसे खिलाड़ी हैं। उसका सामना चीनी ताइपै की जू यिंग तेइ से हो सकता है जबकि सेमीफाइनल में वह 2012 की रजत पदक विजेता वांग यिहान से खेल सकती है। सिंधू ने कहा, मैंने अतीत में सभी को हराया है जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है लेकिन जितना अधिक इनके खिलाफ खेलो, मुकाबला कठिन होता जाता है क्योंकि हमें अपने स्ट्रोक्स पता है और उनका खेल भी लिहाजा कोर्ट पर रणनीति बदलना अहम है। यही सफलता की कुंजी होगी।

पुरूष एकल में किदाम्बी श्रीकांत के ग्रुप में ली चोंग वेइ, चेन लोंग, लिन डैन और यान जैसे धुरंधर हैं। चाइना ओपन 2014 और इंडिया ओपन 2015 चैम्पियन श्रीकांत जून में विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंचे। स्वीडन के हेनरी और मैक्सिको के लिनो मुनोज उनके ग्रुप में हैं। वह प्री क्वार्टर फाइनल में डेनमार्क के यान से खेल सकते हैं। अन्य भारतीयों में 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता महिला युगल खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा तथा पुरूष युगल में मनु अत्री और सुमित रेड्डी भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे।

एजेंसी

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad