भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर ने टीम इंडिया के सेलेक्टर्स पर जमकर हमला किया है। फारुख इंजीनियर ने एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली सेलेक्शन कमिटी पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें काफी खरी-खोटी सुनाई। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर ने सेलेक्टर्स को ‘मिकी माउस सेलेक्शन कमिटी’ बताया है।
यह लगाया था इल्जाम
इतना ही नहीं फारुख इंजीनियर ने कहा टीम इंडिया के सेलेक्टर्स विराट की पत्नी अनुष्का शर्मा को चाय के कप दे रहे थे। इसके बाद अनुष्का शर्मा ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है और भारत के पूर्व विकेटकीपर फारूख इंजीनियर द्वारा किए गए दावों पर प्रतिक्रिया दी है। अनुष्का शर्मा ने ट्विटर पर अपनी एक लंबी पोस्ट के जरिए नाराजगी जाहिर की है। अनुष्का शर्मा का कहना है कि हमेशा उनका नाम भारतीय क्रिकेट के मामलों में घसीटा जाता है।
ट्विटर पर लगाई लताड़
जिसके बाद अनुष्का ने जवाब देते हुए कहा कि मेरी हमेशा से ही झूठी खबरों पर चुप्पी रखने की राय रही है और मैंने इसी तरह अपने 11 साल लंबे करिअर को हैंडल किया है। मैंने हमेशा से ही अपनी चुप्पी में सच छिपा कर रखा है। लोग एक झूठ को बार-बार कहकर सच की तरह बना देते हैं और मैं ये सोचती थी कि मेरे साथ ये क्या हो रहा है। लेकिन आज ये सब खत्म होने जा रहा है।
फ्लाइट के लिए अपने टिकट खुद खरीदती हूं
इतना ही नहीं पत्र में अनुष्का ने आगे कहा मेरे बारे में कहा जा रहा है कि मैं हमेशा टीम इंडिया के साथ रहती हूं और चयनकर्ताओं के फैसलों को प्रभावित करती हूं। फारुख के बयान पर अनुष्का ने कहा कि कहा ये भी जाता है कि बोर्ड हम मैच की टिकट और सिक्योरिटी के लिए मेरा खर्चा उठाता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। मैं मैच और फ्लाइट के लिए अपने टिकट खुद खरीदती हूं। मैंने टीम के साथ फोटों खिंचवाने के लिए हाई कमिशनर की पत्नी से भी इजाजत मांगी थी। कहा जा रहा था कि मैं वहां जान कर गई थी, लेकिन मुझे इसके लिए निमंत्रण प्राप्त हुआ था।
मेरा नाम बीच में ना घसीटें
बार-बार अपने नाम को भारतीय क्रिकेट के साथ आने पर अनुष्का ने कहा कि हाल ही में मेरे पर इलजाम लगाए गए हैं कि वर्ल्ड कप के दौरान चयनकर्ताओं ने मुझे चाय पिलाई थी, लेकिन मैं वहां एक मैच देखने गई थी उस दौरान मैं फैमिली बॉक्स में बैठी थी ना कि चयनकर्ताओं के साथ। अगर आपको सेलेक्शन कमिटी पर सवाल उठाने है तो कृप्या मेरा नाम बीच में ना घसीटें।
फैक्ट लेकर ही बोलें
इस पत्र के अंत में अनुष्का ने कहा कि इस तरह की स्टोरी कोई पहली बार नहीं है। कई बार से ऐसा होता आ रहा है की जब बार-बार टीम के चयन के बीच में मेरा नाम सामने लाया जा रहा है। मैं इस तरह की मनगढंत कहानियों से तंग आ चुकी थी। जिसके चलते आज मैंने खुलकर बोलने का फैसला किया और अपनी बात को सामने रखा। मेरा इन सबसे कोई लेना देना नहीं है। अगली बार कुछ फैक्ट लेकर ही बोलें। इतना ही नहीं अनुष्का ने अंत में खुलासा करते हुए ये भी कहा कि वो चाय नहीं बल्कि कॉफी पीती हैं।
चयनकर्ता का पद बड़े नामों को मिलना चाहिए
फारुख इंजीनियर ने कहा था कि चयनकर्ता का पद बड़े नामों को मिलना चाहिए। एमएसके प्रसाद से पहले संदीप पाटिल, श्रीकांत और दिलीप वेंगसरकर जैसे बड़े नाम भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता थे। ये तीनों खिलाड़ी 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा थे। फारुख इंजीनियर ने कहा कि मुझे लगता है कि दिलीप वेंगसरकर का कद का इंसान चयन समिति में होना चाहिए।