खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के दायरे में आने के बीसीसीआई के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने इसे खेल में स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन के लिए एक बड़ा कदम करार दिया। खेल मंत्रालय करीब एक दशक से बीसीसीआई को नाडा के दायरे में लाने की प्रयास कर रही थी। बीसीसीआई ने आखिरकार शुक्रवार को लिखित में दिया है कि वह नाडा की डोपिंग निरोधक नीति का पालन करेगा।
खेल में स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन चाहते हैं
रिजिजू ने पीटीआई को बताया कि मैं नहीं चाहता हूं कि कोई भी मुद्दा या मामला अनसुलझा रहे। सभी मतभेदों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए, क्योंकि मैं खेल और खेल के लोगों के हित में खेल में स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन में विश्वास करता हूं। अब भारतीय क्रिकेटरों को भी नाडा की परीक्षण प्रक्रिया से गुजरना होगा। हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते खिलाड़ी पृथ्वी शॉ को प्रतिबंधित दवा का सेवन करने का दोषी पाया गया था। इसके बाद उन पर 15 नवंबर तक का बैन भी लगाया गया।
राहुल जौहरी और खेल सचिव के बीच मीटिंग में हुआ था तय
बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी से शुक्रवार को मुलाकात के बाद खेल सचिव आरएस जुलानिया ने कहा कि बोर्ड ने लिखित में दिया है कि वह नाडा की डोपिंग निरोधक नीति का पालन करेगा। बीसीसीआई के पास न कहने का कोई विकल्प नहीं है। सभी एक समान हैं, सभी को एक ही नियम का पालन करना होगा।
एमओयू आवश्यक नहीं है
उन्होंने कहा कि बीसीसीआई को समझाया कि आपके पास कानून का पालन करने का विवेक है या नहीं। कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है कानून के प्रवर्तन के लिए हर खेल संघ एक समान है। आपको किसी समझौते पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं है। हमने स्पष्ट रूप से उन्हें बताया कि कोई एमओयू आवश्यक नहीं है, क्योंकि कानून सभी के लिए लागू है।