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तीरंदाजी में भारत बाहर, दीपिका ने तेज हवा को दोष दिया

तीरंदाजी में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद दीपिका कुमारी जरूरत के समय फिर से अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही और महिला रिकर्व टीम के क्वार्टर फाइनल में रूस से 4-5 से हार के लिये उन्होंने हवादार परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया।
तीरंदाजी में भारत बाहर, दीपिका ने तेज हवा को दोष दिया

दोनों टीमें शुरूआती दो-दो सेट जीतकर एक समय 4-4 से बराबरी पर थी लेकिन रूस की तुइयाना दाशिदोरजीवा, कसेनिया पेरोवा और इन्ना स्टेपानोवा ने शूट आफ में धैर्य बनाये रखा और 25-23 से जीत दर्ज की। कोरियाई महिला टीम ने अपना अजेय अभियान जारी रखा। उन्होंने पहली बार दूधिया रोशनी में हुए फाइनल में रूस को 5-। से हराकर लगातार आठवीं बार ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। दक्षिण कोरियाई टीम सोल में शुरूआत के बाद से लेकर अब तक कभी स्वर्ण पदक से नहीं चूकी।

भारत की तीन खिलाडि़यों में दीपिका का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। उन्हें फाइनल शाट में दस अंक बनाने की जरूरत थी लेकिन झारखंड की यह तीरंदाज केवल आठ अंक ही बना पायी। ऐतिहासिक सांबा स्ट्रीट में 37 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थी जिससे दोनों टीमों को परेशानी हुई लेकिन भारतीय टीम पर इसका अधिक असर पड़ा। दीपिका ने हवाओं को दोष देते हुए कहा, हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन फिर से इस तरह से हारना निराशाजनक है। हवा बहुत तेज चल रही थी। उन्होंने कहा, हमने अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ कोशिश की और आत्मविश्वास के साथ तीर चलाए लेकिन हम महत्वपूर्ण अंक गंवा बैठे। आज हमारा दिन नहीं था। यह करीबी मुकाबला था और कोई भी टीम जीत सकती थी। हार पचाना मुश्किल है। हवा हमारे उपकरणों को उड़ाये जा रही थी और केंद्र पर निशाना लगाना मुश्किल था। लैशराम बोम्बायला देवी के अच्छे प्रदर्शन से भारत ने रूसी लड़कियों को कड़ी चुनौती दी। लगातार तीसरी बार ओलंपिक में भाग ले रही बोम्बायला ने कहा, शूट आफ में दो अंक गंवाना हमें ताउम्र खलता रहेगा। बोम्बायला से पूछा गया कि क्या क्वालीफिकेशन में सातवें स्थान पर रहने के कारण अंतर पैदा हुआ तो उन्होंने तीसरी रैंकिंग के चीन का उदाहरण दिया जो क्वार्टर फाइनल में इटली से हारकर बाहर हो गया। उन्होंने कहा, यह वास्तव में मायने नहीं रखता। चीन ने तीसरी रैंकिंग पर रहते हुए क्वालीफाई किया और वे भी हार गये। आपको हर बार नया निशाना लगाना पड़ता है। कोच पूर्णिमा महतो ने कहा कि अब इस हार पर अधिक ध्यान देने के बजाय व्यक्तिगत स्पर्धाओं पर गौर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, हमें जीत का जज्बा बनाये रखना होगा और मजबूत वापसी करनी होगी।

भारत पहला सेट आसानी से 55-48 से हार गया जिसके बाद बोम्बायला और लक्ष्मीरानी ने दूसरे सेट में परफेक्ट दस का स्कोर बनाकर टीम को 53-52 से जीत दिलायी। भारत ने तीसरा सेट 53-50 से जीता क्योंकि स्टेपानोवा का एक तीर गलत चला गया जिसमें रूस को केवल छह अंक मिले। भारत जब 4-2 से आगे था तब उसके पास चौथे सेट में जीत दर्ज करने का मौका था। तब उन्हें तीरों के दूसरे सेट में परफेक्ट 30 की जरूरत थी जिससे वे रूस के 55 के स्कोर की बराबरी करके 5-3 से जीत दर्ज कर लेती। बोम्बायला और लक्ष्मीरानी ने तो बुल्स आई पर हिट किया और दस-दस अंक बनाये। दीपिका को भी यही प्रदर्शन दोहराने की जरूरत थी लेकिन वह केवल नौ अंक ही बना पायी जिससे रूस ने 55-54 से यह सेट जीत लिया और मुकाबला शूट आफ तक खिंच गया। इससे पहले भारत ने प्री क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया को 5-3 से हराकर अंतिम आठ में जगह बनायी थी। दीपिका, बोम्बायला और लक्ष्मीरानी अब व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा में भाग लेंगी। पुरूष वर्ग में भारत के एकमात्रा तीरंदाज अतानु दास ने क्वालीफाईंग दौर में ओवरआल पांचवें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनायी है। स्वर्ण पदक जीतने वाली कोरियाई टीम ने हवादार परिस्थितियों से निबटने के लिये भारत जैसी टीमों को उपयुक्त सलाह भी दी। तीन बार की ओलंपिक पदक विजेता की बो बेइ ने कहा, हमने कोरिया की कुछ खास जगहों पर जहां तेज हवाएं चलती हैं, अभ्यास किया ताकि ऐसी मुश्किल परिस्थितियों के लिये तैयार रहें। हवाएं सभी को प्रभावित करती है लेकिन हमें पता होना चाहिए कि ऐसी परिस्थितियों में तीर कैसे चलाना है।

एजेंसी

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