आरोपी छत्रसाल अखाड़े में प्रैक्टिस करता है। साई सेंटर के रसोइये ने भी इस आरोपी को पहचाना है। इधर केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने साफ कर दिया है कि निलंबित खिलाड़ी के स्थान पर नए खिलाड़ी को नहीं भेजा जा सकता है। भारतीय कुश्ती फेडरेशन ने नरसिंह के स्थान पर प्रवीण राणा को भेजने की बात कही थी।
सिंह ने नरसिंह की तारीफ करते हुए पहले भी कहा था कि 50 से ज्यादा कुश्ती लड़ चुके नरसिंह ने कभी भी डोप टेस्ट देने से मना नहीं किया। कई खिलाड़ी यह टेस्ट देने से मना करते हैं। उन्होंने कहा कि नरसिंह की इस बात की सभी जगह तारीफ होती है। यहां तक की खुद नाडा भी नरसिंह की इस बात के लिए तारीफ कर चुका है। संघ का आरोप था कि 5 जून को खाने में छौंक लगाते समय प्रतिबंधित दवा डाली गई।
इधर डोप टेस्ट में फेल होने के बाद नरसिंह यादव बुधवार को नाडा के सामने पेश होंगे। यहां खाने में मिलावट पर भी चर्चा होगी। भारतीय कुश्ती महासंघ और नरसिंह के वकील नाडा के सामने कई सबूत पेश करेंगे। इसमें सीसीटीवी की वो फुटेज भी है, जिसमें पिछले दिनों एक अज्ञात शख्स खाने में कुछ मिलाने की कोशिश करता नजर आ रहा था।
इससे पहले सुशील कुमार के कोच सतपाल ने कहा कि अगर सुशील का नाम डोपिंग विवाद में घसीटा गया तो वह नरसिंह के खिलाफ मुकदमा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि नरसिंह का नार्को टेस्ट होना चाहिए ताकि सारी सच्चाई सामने आ जाए। विवाद के बाद नरसिंह यादव के पैतृक गांव वाराणसी के मुरेरी गांव में मायूसी का आलम है। नरसिंह के घरवालों ने तमाम आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि उनका बेटा बेकसूर है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जांच कराने की मांग की है।
वाडा के नियम के अनुसार, नियम 10.4 कहता है कि यदि साजिश के तहत किसी को फंसाया गया है, तभी उसे निलंबन से छूट दी जाएगी। यदि नरसिंह पूरी तरह अपना पक्ष साबित नहीं कर सके तो उन्हें कम से कम एक साल का निलंबन झेलना होगा। इस बीच नरसिंह ने सोनीपत पुलिस से शिकायत की है। उसने एक जूनियर रेसलर का भी नाम लिया है। रेसलर अरेस्ट हो सकता है। नरसिंह ने कहा कि मैंने पुलिस में एफआईआर दर्ज करा दी। मामले की गहन जांच का आश्वासन मिला है।