एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय धावक हिमा दास ने एक बार फिर देश का नाम रोशन करने का काम किया है। इस बार उन्होंने ग्राउंड के अंदर नहीं बल्कि बाहर हम सब को गर्व करने का मौका दिया है।
दरअसल, हिमा दास को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ इंडिया) ने अपना युवा ब्रैंड अंबेस्डर घोषित किया है। यूनिसेफ इंडिया ने बुधवार को एक ट्वीट कर बताया कि हमारी युवा एंबेसडर, हिमा दास हैं। वह एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विश्व बाल दिवस उत्सव के अवसर पर हिमा दास भारत की पहली युवा एंबेसडर हैं। खास बात यह है कि हिमा पहली युवा भारतीय लड़की हैं जिन्हें यूनीसेफ ने अपना ब्रैंड अंबेसडर बनाया है।
बच्चों के अधिकारों और आवश्यकताओं के बारे में जागरुकता बढ़ाएंगी हिमा
इस पद के बाद हिमा अब बच्चों के अधिकारों और आवश्यकताओं के बारे में जागरुकता बढ़ाने, बच्चों और युवाओं की आवाज को बुलंद करने के लिए किए जा रहे सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेंगी।
नाडा की निगरानी सूची में हिमा को मिला शीर्ष स्थान
नवनियुक्त यूनीसेफ ब्रांड अंबेस्डर हिमा दास को राष्ट्रीय डोपिंगरोधी एजेंसी (नाडा) ने ‘पंजीकृत परीक्षण सूची’ में शीर्ष वर्ग में रखा है। इसके तहत प्रतियोगिता के दौरान और उसके इतर भी हिमा का डोपिंग से जुड़ा परीक्षण किया जा सकता है।
जो भी नियम हैं हमें उनका अनुसरण करना होगा: हिमा दास
इस फैसले को लेकर न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में हिमा ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि ये उनके लिए एक अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि जो भी नियम हैं हमें उनका अनुसरण करना होगा, मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है और अच्छे एथलीटों के साथ यह आम बात है।
हिमा की उपलब्धियां
जुलाई 2018 में फिनलैंड में आयोजित आईएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैम्पियनशिप की महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने इतिहास रच दिया और इसके बाद से ही वो पूरे देश की नेशनल आइकन बन गईं। हाल ही में संपन्न हुए जकार्ता एशियाई खेलों में भी हिमा की तेज गति की दौड़ ने दुनिया भर के लोगों को काफी प्रभावित किया था।
हिमा ने महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा का रजत पदक अपने नाम किया साथ ही महिलाओं की चार गुणा ग्रुप 400 मीटर रिले स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतने में भी उनकी अहम भूमिका थी।
गौरतलब है कि हिमा दास 2020 टोक्यों में होने जा रहे इंटरनेशनल एथलीटिक्स मीट में भारत के लिए मेडल लाने की प्रबल दावेदार हैं।