कल नरसिंह के ओलंपिक में खेलने पर रोक लगा दी गयी और उन पर चार साल का प्रतिबंध भी लगा दिया गया। पुरूष 74 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाले खिलाड़ी ने कहा, यह कहना कि खेल पंचाट के फैसले से मैं टूट चुका हूं, बहुत कम होगा। पिछले दो महीनों में मैंने बहुत कुछ झेला है लेकिन देश के गौरव के लिए खेलने की सोच ने मेरा हौसला बनाए रखा। मेरे पहले बाउट से 12 घंटे पहले रियो ओलंपिक में खेलने और देश के लिए पदक जीतने का मेरा सपना क्रूरता से तोड़ से दिया गया। उन्होंने अपने प्रायोजक जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स द्वारा जारी एक बयान में कहा, लेकिन अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए मैं सब कुछ करूंगा। मेरे पास लड़ने की अब यही वजह है। बयान में कहा गया कि नरसिंह ने अपने खाने में मिलावट का जो दावा किया था उसके संबंध में कुछ और सबूत मिलने पर फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दी जा सकती है। इसमें कहा गया, मिलावट से जुड़े और सबूत मिलने पर हम फैसले की समीक्षा पर जोर देंगे जिसके लिए वाडा सहमत हो। बयान के अनुसार, जेएसडब्ल्यू का दृढ़ता से मानना है कि नरसिंह बेगुनाह हैं और हम न्याय की लड़ाई में हर कदम पर पहलवान के साथ खड़े होंगे। विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) ने ओलंपिक शुरू होने से तीन दिन पहले रियो में खेल पंचाट के तदर्थ संभाग में नरसिंह को नाडा से मिली क्लीन चिट को चुनौती दी थी।
पंचाट ने कल चार घंटे तक चली सुनवाई के बाद जारी बयान में कहा, संबंधित पक्षों को सूचित किया जाता है कि अपील स्वीकार कर ली गई है और नरसिंह यादव पर आज से चार साल का प्रतिबंध लगाया जाता है और अगर उन पर पहले अस्थायी निलंबन लगाया गया था तो वह अवधि इसमें से कम कर दी जायेगी। इसमें कहा गया, इसके अलावा 25 जून 2016 से लेकर अब तक नरसिंह के सभी प्रतिस्पर्धाओं में नतीजे खारिज हो जायेंगे और उनके पदक, अंक, पुरस्कार वापिस ले लिये जायेंगे। खेल पंचाट की समिति यह मानने को तैयार नहीं है कि वह साजिश का शिकार हुए हैं। इसके कोई सबूत नहीं है कि उनकी कोई गलती नहीं थी और डोपिंग निरोधक नियम उन्होंने जान बूझकर नहीं तोड़े। इसीलिये समिति ने उन पर चार साल का प्रतिबंध लगाया। नरसिंह का नाम ओलंपिक कार्यक्रम में था और उन्हें क्वालीफिकेशन दौर में फ्रांस के जेलिमखान खादजिएव से खेलना था लेकिन खेल पंचाट के फैसले ने उनकी सारी उम्मीदें तोड़ दीं।
एजेंसी