इस साल ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की सूची में अपना नाम न होने के बाद पैरा एथलीट ने नाराजगी जताई है। एथलीट ने धमकी दी है कि अगर उसके नाम पर विचार नहीं किया गया तो वह इंडियन ऑलम्पिक एसोसिएशन (आईओए) के सामने आत्महत्या कर लेंगी।
इसी साल ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में जाने वाले भारतीय दल में सकीना का नाम शामिल नहीं है। इसी बात से निराश सकीना ने धमकी दी है कि यदि उनका नाम कॉमनवेल्थ गेम्स में जाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया, तो वह आईओए के सामने आत्महत्या कर लेंगी। यह गेम ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 4 अप्रैल से शुरु होगा और 15 अप्रैल तक चलेगा।
खातून ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि वह अब तक इस बात का इंतजार कर रही हैं कि उनका नाम इस लिस्ट में शामिल किया जाएगा। मैं इसके लिए अंतिम प्रयास तक लड़ूंगी। अगर मेरा नाम शामिल नहीं किया गया तो मैं कोर्ट जाऊंगी। इन लोगों ने मेरे जीवन की तपस्या खत्म की है। मैं इन्हें छोड़ूंगी नहीं। अगर जरूरत हुई तो मैं आईओए के सामने सुसाइड भी कर लूंगी। इस संबंध में पैरा एथलीट ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कॉमनवेल्थ गेम्स में जाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में उसका नाम शामिल करने की मांग की है।
Para-athlete #SakinaKhatun writes to PM Modi over #CWG inclusion
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— ANI Digital (@ani_digital) February 8, 2018
बता दें कि पिछली बार ग्लास्गो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 28 वर्षीय सकीना खातून अकेली पेरा एथलीट थीं, जिन्होंने लाइटवेट केटेगरी में ब्रॉन्ज मैडल जीता था। सकीना ने कहा, मैं इस तरह के निर्णय से बहुत दुखी हूं। पिछले 4 साल से इन गेम्स का इंतजार कर रही थी। इसके लिए मैंने काफी मेहनत की है और अब मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं अपनी मेहनत और प्रैक्टिस पर ध्यान दूं या दूसरी चीजों पर। एथलीट ने कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं। सकीना खातून कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई रैंकिंग में नंबर दो पर हैं।
सकीना ने अपना नाम भारतीय दल में शामिल कराने को लेकर पेरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) को भी एक पत्र लिखा है। पीसीआई ने पत्र लिखकर आईओए को खातून की अर्जी पर विचार करने के लिए कहा है। इसके साथ ही, ओलंपिक कमेटी से खातून का नाम लिस्ट में शामिल करने के लिए कहा है। हालांकि खातून ने कहा है कि उन्हें किसी भी तरह का जवाब नहीं मिला है।
इस पूरे मामले में खातून ने कहा कि मैं इस मुकाम तक अपनी मेहनत से पहुंची हूं। मैं बहुत गरीब परिवार से हूं। हमारे प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, फिर वह ऐसे बीच में अपनी बेटी को ऐेसे कैसे छोड़ रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री से विनती करूंगी कि वह इस मामले पर ध्यान दें।