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रियो डायरी – जाना था जापान, पहुंच गई चीन

हिन्दी फिल्मों का एक पुराना गीत है, जाना था जापान पहुंच गये चीन....। रियो ओलंपिक में भाग ले रही तीन महिला तैराकों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ और वे तरणताल के बजाय ओलंपिक स्टेडियम में पहुंच गयीं और आयोजकों को उनका कार्यक्रम बदलना पड़ा।
रियो डायरी – जाना था जापान, पहुंच गई चीन

ब्रिटिश तैराक फ्रैन हलसाल, डेनमार्क की जीनेट ओटेसन और बेलारूस की अलियकसांद्रा हरसेमनिया खेल गांव से जिस बस में सवार हुईं, वह वह उन्हें पास में स्थित तैराकी स्टेडियम के बजाय मुख्य ओलंपिक स्टेडियम ले गयी जहां एथलेटिक्स की स्पर्धाएं चल रही थी। इन तैराकों ने विरोध भी जताया लेकिन ड्राइवर ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इन तीनों को शुक्रवार की रात को महिलाओं के 50 मीटर फ्रीस्टाइल के सेमीफाइनल में हिस्सा लेना था।

हलसाल ने बीबीसी से कहा, वह हमें ओलंपिक स्टेडियम ले गया जो तरणताल के उलटी दिशा में 40 मिनट की दूरी पर है। इस तरह से हमने ओलंपिक स्टेडियम का दौरा किया। फिर हमें वापस खेल गांव पहुंचने में 40 मिनट का समय लगा और फिर हम तरणताल पहुंच पायी। तैराकी स्टेडियम में अधिकारियों को सूचित कर दिया गया जिन्होंने इस स्पर्धा का समय बदल दिया। हलसाल और हरसेमनिया फाइनल में पहुंचने में सफल रही लेकिन ओटेसन बाहर हो गयीं।

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