उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान बीजद के दिलीप तिर्की ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि मोहम्मद शाहिद कई हॉकी खिलाडि़यों के आदर्श थे और उनकी हॉकी स्टिक का कमाल यह था कि 1980 से 1990 के दशक में टीमें कहती थीं अगर शाहिद हमारी टीम में हों तो हम दुनिया की किसी भी टीम को हरा देंगे। उन्होंने कहा कि मास्को में हुए ओलंपिक खेलों में शाहिद की टीम ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था। लेकिन क्रिकेट को छोड़ कर अन्य खेलों के दिग्गज खिलाड़ी उपेक्षित होते जा रहे हैं जिन्होंने देश के लिए पदक जीते।
तिर्की ने कहा कि शाहिद के परिवार को किसी भी तरह की समस्या नहीं होनी चाहिए और सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए। सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों ने तिर्की के इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा मुझे लगता है कि पूरा सदन आपकी इस बात से सहमत है। एक सदस्य ने मांग की कि शाहिद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रहने वाले थे और वहां उनका एक स्मारक बनवाया जाना चाहिए। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जब शाहिद अस्पताल में भर्ती थे तब उनके इलाज का खर्च सरकार ने वहन किया था और उनके लिए दस लाख रूपये की वित्तीय सहायता का ऐलान भी किया था। कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी सहित कुछ सदस्यों ने कहा कि ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता टीम की अगुवाई करने वाले शाहिद को आसन की ओर से श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए थी। कुरियन ने कहा कि वह सदस्यों की भावना से सभापति हामिद अंसारी को अवगत करा देंगे।
एजेंसी