स्कॉटलैंड के ग्लासगो में चल रही वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में भारत ने इतिहास रच दिया है। पीवी सिंधु और साइना नेहवाल ने चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बनाने के साथ ही भारत के दो मेडल पक्के हो गए हैं। इसके साथ ही सिंधु ने भी वर्ल्ड चैम्पियनशिप का अपना तीसरा मेडल भी पक्का कर लिया। सिंधू साल 2013 और 2014 में भी कांस्य पदक जीत चुकी हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में दो मेडल अपने नाम करने में सफल हुआ।
शुक्रवार देर रात हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में साइना नेहवाल ने स्कॉटलैंड क्रिस्टी गिलमौर को 21-19,18-21,21-15 से मात दी। साइना ने जकार्ता में पिछले साल हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया था। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना का अगला मुकाबला जापान की नोजोमी ओखुरा से होगा।
साइना ने मैच के बाद कहा, "मुझे कठिन मुकाबले की उम्मीद थी लेकिन मैं हैरान हूं कि इतनी जल्दी जीत गई । कुछ कठिन रेलियां थी लेकिन मुझे कोई मुश्किल नहीं आई।" साइना के लिये यह टूर्नामेंट इसलिये भी अहम है कि कैरियर के लिये खतरा बनी घुटने की चोट के बाद वह खराब फार्म से जूझती रही और अब वापसी कर रही है।
वहीं सिंधू ने शानदार परफॉर्म करते हुए पांचवीं सीड चीन की सुन यू को 21-14, 21-9 से हराया। दुनिया की नंबर चार खिलाड़ी सिंधू ने केवल 39 मिनट में छठे नंबर की इस चीनी खिलाड़ी को हरा दिया। सेमीफाइनल में सिंधू का सामना चीन की ही चेन यूफेई से होगा। सिंधू इससे पहले भी दो बार इस टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
दूसरी पुरुष एकल मुकाबले में भारत की चुनौती किदांबी श्रीकांत की हार के साथ ही खत्म हो गई। श्रीकांत को दक्षिण कोरिया के सोन वान हो के हाथों 21-14, 21-18 से हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले श्रीकांत ने इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो खिताब जीते थे और सिंगापुर में उपविजेता रहे थे। इस हार के साथ श्रीकांत का 13 मैचों से चला आ रहा जीत का सिलसिला भी थम गया।