स्पेन के खिलाफ दिल्ली में सितंबर में विश्व ग्रुप प्लेआफ मुकाबले के दौरान एकल मैच शाम पांच जबकि जबकि युगल मैच सात बजे शुरू हुए थे। समय को लेकर खिलाडि़यों से परामर्श किया गया लेकिन कप्तान आनंद अमृतराज से कोई मशविरा नहीं किया गया क्योंकि एआईटीए तब तक सुनिश्चित नहीं था कि वह उस समय अपने पद पर रहेंगे या नहीं।
एआईटीए के महासचिव हिरणमय चटर्जी ने पीटीआई से कहा, टूर्नामेंट निदेशक सुंदर अयर ने शाम को मैचों के आयोजन का प्रस्ताव रखा था ताकि भारतीय टीम का समर्थन करने के लिये अधिक प्रशंसक स्टेडियम पहुंच सकें। चयनसमिति के अध्यक्ष एसपी मिश्रा ने खिलाडि़यों से भी इस बारे में बात की। हमने आईटीएफ से भी पूछा। तापमान से बहुत अधिक अंतर पैदा नहीं होगा और इसलिए हमने इसे मंजूरी दे दी।
निवर्तमान कप्तान अमृतराज ने कहा कि मुकाबले को समय को लेकर उनसे परामर्श नहीं किया गया लेकिन इससे मैच के परिणाम पर कोई अंतर नहीं पड़ेगा। अमृतराज ने कहा, फरवरी के महीने में समय से मैच के परिणाम पर बहुत अंतर नहीं पड़ेगा। पुणे में चेन्नई जैसी गर्मी नहीं होगी लेकिन मेरी निजी राय है कि यदि मैं खेल रहा होता तो दिन में खेलना पसंद करता। चटर्जी ने कहा कि कुछ मामलों में फैसला करना एआईटीए का अधिकार है।
एआईटीए के एक अन्य अधिकारी ने कहा, यदि हम शाम को मैच करवाते हैं तो फिर मुंबई से भी लोग मैच देखने आ सकते हैं और फिर वापस जा सकते हैं। हम चाहते हैं कि जब भारत खेले तो स्टेडियम खचाखच भरा रहे।
भारतीय कोच जीशान अली ने कहा कि घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाने के लिये मैचों को शाम को कराने का विचार अच्छा है।
उन्होंने पीटीआई से कहा, पुणे में फरवरी में 11 बजे और तीन बजे के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं पड़ता। यह केवल दो तीन डिग्री अधिक रहता है। उस महीने दिन में खेलने का कोई खास फायदा नहीं मिलेगा। इसलिए हम शाम को स्टेडियम में अधिक दर्शकों को आने का मौका दे सकते हैं।
अली ने कहा, पुणे जैसे शहर में यह मायने रखता है। इस शहर में लंबे समय से डेविस कप मुकाबला नहीं हुआ है। शाम को मुकाबला होने पर करीबी शहरों के लोग भी मैच देखने के लिये आ सकते हैं और हमारा समर्थन कर सकते हैं।
एआईटीएफ ने शाम को मैच करवाने के संदर्भ में खिलाडि़यों को पत्र भेजे थे और उनमें से अधिकतर ने इस पर सहमति जतायी।
भाषा