ओलंपिक खेलों में 40 साल बाद वापसी करने वाले 60 बरस के ट्रैप निशानेबाज लियोनेल मार्टिनेज के लिए उम्र सिर्फ एक संख्या है और वह अपने करियर को अगले ओलंपिक तक आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।
मार्टिनेज पेरिस खेलों की पुरुषों की ट्रैप प्रतियोगिता में 125 में से नौ निशाने चूक कर 28वें स्थान पर रहे। 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक के बाद यह इन खेलों में यह उनकी दूसरी उपस्थिति है। अगले ओलंपिक का आयोजन 2028 में लॉस एंजिल्स में किया जाएगा और मार्टिनेज का कहा कि वह अपने ओलंपिक करियर पर वहीं विराम लगाना चाहेंगे जहां उन्होंने इसकी शुरुआत की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे अंदर एक रोशनी है जो मुझे लॉस एंजिल्स 2028 के लिए मार्गदर्शन कर रही है। यह मेरे लिए भविष्य है। इसके लिए काम अभी शुरू होगा। मैं अपने शरीर और दिमाग से काम करूंगा। यह खेल 90 प्रतिशत मानसिक मजबूती पर आधारित है।’’
खेल में विज्ञान को ज्यादा तवज्जो नहीं देने वाले मार्टिनेज ने कहा, ‘‘ मैं हर दिन जिम जाता हूं, मैं अपने शरीर को गतिशील रखता हूं। मैं उस चिकित्सा विज्ञान में विश्वास नहीं करता जो कहता है कि 40 या 50 साल की उम्र में आपको कुछ चीजें नहीं करनी चाहिए। यह उन लोगों के लिए सच हो सकता है जो इस पर विश्वास करते हैं, लेकिन मेरे लिए, उम्र सिर्फ एक संख्या है।’’
सबसे लंबे अंतराल पर ओलंपिक में हिस्सा लेने के मामले में मार्टिनेज से आगे सिर्फ जापान के घुड़सवार होकेत्सु हिरोशी है। ड्रेसेज राइडर हिरोशी ने तोक्यो 1964 ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने के 44 साल बाद बीजिंग ओलंपिक 2008 में भाग लिया था। उन्होंने इसके चार साल बाद 70 वर्ष की उम्र में लंदन ओलंपिक में भी भाग लिया था। मार्टिनेज 1984 में 20 साल की उम्र में लॉस एंजिल्स ओलंपिक में भाग लेने के बाद लगभग 15 वर्षों के लिए खेल से दूर हो गए थे।
उन्होंने चिकित्सा आपूर्ति का व्यवसाय स्थापित किया और जीवन के अन्य पहलुओं में व्यस्त हो गये। एक दर्शक के तौर पर 2011 के पैन अमेरिकन खेलों को देखने के बाद ही उन्होंने फिर से प्रतिस्पर्धा करने की ठानी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी प्रेरणा निश्चित रूप से मेरा जुनून है। वापसी के लिए प्रयास करने में ज्यादा हिम्मत नहीं लगती। आप अगर किसी चीज को लेकर जुनूनी होते हैं तो चीजें अपने आप होने लगती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं संन्यास से वापसी करना चाहता था। मैंने अतीत में जो अनुभव किया था उसे फिर से करना चाहता था। इस जोश को आप अभी भी महसूस कर सकते हैं। खेल का यही मतलब है।’’