लंदन ओलंपिक के छह पदक से बेहतर प्रदर्शन की भारत की उम्मीदों का दारोमदार निशानेबाजों पर ही है। जीतू और बिंद्रा के अलावा गगन नारंग, मानवजीत सिंह संधू, हीना सिद्धू और अपूर्वी चंदेल भी पदक के दावेदार हैं। निशानेबाज रेंज के बाहर ज्यादा बोलने में विश्वास नहीं रखते और सुर्खियों से दूर रहते हैं। बिंद्रा ने 15 दिन पहले ट्वीट किया था कि वह अपने पांचवें और आखिरी ओलंपिक के खत्म होने तक अब किसी के संपर्क में नहीं रहेंगे।
बिंद्रा के बाद भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाने के प्रबल दावेदार जीतू शनिवार को 10 मीटर एयर पिस्टल में उतरेंगे। वह 50 मीटर पिस्टल में विश्व चैम्पियन हैं और दोनों स्पर्धाओं में चुनौती पेश करेंगे। एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल, विश्व चैम्पियनशिप और विश्व कप में पदक जीत चुके जीतू ने कहा , मुझे नहीं पता था कि ओलंपिक क्या होता है। मैं गांव से आया हूं और वैसा ही रहना चाहता हूं। वहीं भारतीय निशानेबाजों की नयी पीढ़ी के प्रेरणास्रोत बिंद्रा पदक के साथ खेल से विदा लेना चाहेंगे। पहले दिन 10 मीटर महिला एयर राइफल में भारत की अपूर्वी और अयोनिका पाल भी उतरेंगी जो ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल 2014 में क्रमश: स्वर्ण और रजत जीत चुकी हैं।
हीना सिद्धू आईएसएसएफ विश्व रैंकिंग में शीर्ष तक पहुंची पहली भारतीय महिला है। इसी साल उसने विश्व कप में रजत पदक जीता था। लंदन में 10 मीटर फाइनल में चूकी हीना इस बार गलती सुधारना चाहेंगी। लंदन में विजय कुमार ने भारत को 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में रजत पदक दिलाया था। उनकी गैर मौजूदगी में गुरप्रीत सिंह पर दारोमदार होगा जिनके कोच भी पावेल स्मिरनोव हैं। एथेंस में 2004 में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के रजत पदक के बाद शाटगन निशानेबाज कोई कमाल नहीं कर सके लेकिन इस बार मानवजीत , के चेनाइ (ट्रैप) और मैराज अहमद खान (स्कीट) से पदक की उम्मीद है।
एजेंसी