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दागी कलमाड़ी, चौटाला बने आईओए के आजीवन अध्यक्ष

राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के आरोपों के दागी सुरेश कलमाड़ी को आज भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की वार्षिक आम सभा की बैठक में मानद आजीवन अध्यक्ष बनाया गया। एक अन्य दागी अधिकारी अभय सिंह चौटाला को भी आईओए का मानद आजीवन अध्यक्ष बनाया गया है।
दागी कलमाड़ी, चौटाला बने आईओए के आजीवन अध्यक्ष

आईओए की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार कलमाड़ी और चौटाला से पहले केवल विजय कुमार मल्होत्रा को ही आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था। वह 2011 और 2012 में आईओए के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे थे।

हालांकि केन्द्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने भारतीय ओलंपिक संघ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है क्योंकि ये दोनों आपराधिक और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।

गोयल ने अपने आवास पर आनन-फानन में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा, आईओए ने सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव से हम हैरान हैं। यह हमें पूरी तरह से अस्वीकार्य है क्योंकि वे दोनों आपराधिक और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।

आईओए के कलमाड़ी और चौटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाने के फैसले के कुछ घंटे बाद मंत्री ने कहा, सच्चाई यह है कि जब चौटाला और ललित भनोट आईओए का पदाधिकारी चुने गये थे तब आईओसी ने उन्हें निलंबित कर दिया था और इन दोनों को हटाने के बाद ही निलंबन हटाया गया।

गोयल ने कहा कि मंत्रालय ने आईओए से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और इसके बाद ही इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा, हमने (आईओए से) विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और इसके बाद हम स्थिति की समीक्षा करेंगे और फिर उचित कार्रवाई करेंगे। हमारी सरकार खेलों में सुशासन और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्ध है।

इस बीच आईओए उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा कि आईओए को आजीवन अध्यक्ष बनाने के लिये किसी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है और आज का फैसला आम सभा में सर्वसम्मति से लिया गया। तरलोचन ने पीटीआई से कहा, आईओए आम सभा को किसी व्यक्ति को आजीवन अध्यक्ष या संरक्षक बनाने के लिये किसी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। यह आईओए के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके अलावा सभी पूर्व अध्यक्षों को आजीवन अध्यक्ष या संरक्षक बनाया गया है।

आईओए की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार कलमाड़ी और चौटाला से पहले केवल विजय कुमार मल्होत्रा को ही आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था। वह 2011 और 2012 में आईओए के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे थे।

कलमाड़ी 1996 से 2011 तक आईओए अध्यक्ष रहे और उन्हें 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में घोटाले में संलिप्तता के कारण दस महीने जेल की सजा काटनी पड़ी थी। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

पुणे में जन्मे 72 वर्षीय कलमाड़ी कांग्रेस के पूर्व सांसद भी है। वह 2000 से 2013 तक एशियाई एथलेटिक्स संघ के भी अध्यक्ष रहे थे। उन्हें पिछले साल ही एशियाई एथलेटिक्स संघ का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था। वह अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) के भी 2001 से 2013 तक सदस्य रहे।

चौटाला दिसंबर 2012 से फरवरी 2014 तक आईओए अध्यक्ष रहे। उस समय अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने चुनावों में आईओए को निलंबित कर रखा था क्योंकि उसने चुनावों में ऐसे उम्मीदवार उतारे थे जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल थे। आईओए अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव को आईओसी ने रद्द कर दिया था।

आईओए संविधान में संशोधन करके सुनिश्चित किया गया कि आरोपी उम्मीदवारों को चुनावों में उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद ही आईओसी ने फरवरी 2014 में आईओए का निलंबन हटाया था। चौटाला को मुक्केबाजी की पूर्ववर्ती संस्था भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ का भी अध्यक्ष चुना गया था जिसकी विश्व संस्था एआईबीए ने 2013 में मान्यता रद्द कर दी थी। हाल में उन्हें हरियाणा ओलंपिक संघ का अध्यक्ष चुना गया और रिपोर्टों के अनुसार उनके इस गुट को आईओए ने मान्यता दे दी है।

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