वरुण चक्रवर्ती। अभी तक इस खिलाड़ी का नाम किसी को नहीं पता था लेकिन अब हर कोई उसे गूगल कर रहा है। वजह? आईपीएल 2019 के लिए नीलामी चल रही है, जिसमें वरुण चक्रवर्ती को किंग्स इलेवन पंजाब ने 8.40 करोड़ रुपए में खरीदा है। वरुण का बेस प्राइस महज 20 लाख रुपए था। जयदेव उनादकट को भी इतने ही रुपए में राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा।
वरुण जैसे एकदम नए चेहरे के लिए इतनी बड़ी रकम का दांव खेलना मामूली बात नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि वरुण चक्रवर्ती के बारे में जाना जाए।
आर्किटेक्ट की नौकरी छोड़ी
वरुण चक्रवर्ती तमिलनाडु से आते हैं। उन्होंने 13 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया और 17 साल तक विकेटकीपर-बल्लेबाज रहे। कई बार उन्हें एज-ग्रुप क्रिकेट में रिजेक्ट किया गया। इससे निराश होकर वह चेन्नई की एसआरएम यूनिवर्सिटी में आर्किटेक्चर की पढ़ाई करने चले गए। उन्होंने कुछ दिन बतौर आर्किटेक्ट काम किया, फिर नौकरी छोड़ दी और क्रॉमबेस्ट क्रिकेट क्लब से जुड़ गए।
सात तरह की स्पिन करने में सक्षम
घुटने की चोट की वजह से उन्होंने स्पिन गेंदबाजी की तरफ रुख किया। धीरे-धीरे उन्हें 'मिस्ट्री-स्पिनर' कहा जाने लगा। उनका एक्शन और गेंदें ही कुछ ऐसी होती हैं कि बल्लेबाज आसानी से उन्हें पढ़ नहीं पाता। वरुण के मुताबिक, वह सात तरह की स्पिन कर सकते हैं- ऑफ ब्रेक, लेग ब्रेक, गुगली, कैरम बॉल, फ्लिपर, टॉपस्पिनर।
नेट्स पर करवाते थे प्रैक्टिस
इसी साल वो तमिलनाडु प्रीमियर लीग में खेले और मदुरई पैंथर्स के लिए हीरो साबित हो गए। तमिलनाडु प्रीमियर लीग में खेलने से पहले वह चेन्नई सुपर किंग्स के प्रैक्टिस सेशन में खिलाड़ियों को गेंदबाजी करते थे लेकिन चेन्नई के मैच पुणे शिफ्ट हो गए। बाद में केकेआर के कप्तान दिनेश कार्तिक ने उन्हें अपने प्रैक्टिस सेशन में गेंदबाजी के लिए बुलाया। यहां उन्हें सुनील नरैन से स्पिन के टिप्स भी मिले। चेन्नई सुपर किंग्स के बैटिंग कोच माइक हसी ने वरुण की काफी तारीफ भी की थी।
उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में 9 मैचों में 4.23 की औसत से 22 विकेट लिए हैं।