पानीपत के 18 साल के नीरज ने उस समय इतिहास रचा जब वह पिछले शनिवार को पोलैंड में अंडर 20 विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान एथलेटिक्स में किसी भी स्तर पर विश्व चैम्पियन बनने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। नीरज ने 86.48 मीटर के प्रयास के साथ न सिर्फ विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता बल्कि जूनियर विश्व रिकार्ड और सीनियर राष्ट्रीय रिकार्ड भी तोड़ा। लेकिन वह रियो में जगह बनाने से चूक गए क्योंकि उन्होंने यह प्रदर्शन क्वालीफिकेशन की समयसीमा गुजरने के बाद 18 जुलाई को किया। नीरज ने संवाददाताओं से कहा, मैं रियो ओलंपिक में जगह बनाने से चूकने पर निराश हूं लेकिन महासंघ वाइल्डकार्ड से प्रवेश दिलाने की कोशिश कर रहा है। अगर यह मिल जाता है तो अच्छा है, अन्यथा मैं कड़ी मेहनत करने और 2020 ओलंपिक में अपने देश के लिए पदक जीतने को तैयार हूं।
उन्होंने कहा, अप्रैल में मेरी पीठ में चोट लगी थी और इससे मेरी ओलंपिक तैयारी प्रभावित हुई। पोलैंड में मैंने स्वर्ण पदक को लक्ष्य बनाया था लेकिन मुझे खुशी है कि मैंने विश्व रिकार्ड तोड़ा। मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की। प्रतियोगिता के लिए मेरा आत्मविश्वास बढ़ा हुआ था। लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं विश्व रिकार्ड तोड़ दूंगा। नीरज का इस प्रयास ने मौजूदा सत्र में सीनियर खिलाडि़यों के बीच उन्हें सर्वश्रेष्ठ आठ में रखा है जबकि जूनियर खिलाडि़यों में यह सर्वश्रेष्ठ प्रयास है। उन्होंने कहा, मैं हरियाणा के सामान्य परिवार से हूं। मुझे अपने जीवन की शुरूआत में संघर्ष करना पड़ा जब मुझे लंबे समय तक यात्रा करनी पड़ती थी लेकिन अब मैं पटियाला में ट्रेनिंग कर रहा हूं और महासंघ भी हमें ट्रेनिंग के लिए बाहर भेज रहा है। मैं अगले साल विश्व चैम्पियनशिप के लिए ट्रेनिंग करूंगा। नीरज के कोच गैरी कालवर्ट ने भी अपने शिष्य की तारीफ की। उन्होंने कहा, उम्र के हिसाब से उसकी तकनीक बेहतर है। अब हमें बैठकर रणनीति बनानी होगी। कालवर्ट ने कहा, हमारा अगला लक्ष्य 90 से 95 मीटर तक पहुंचना है। मैं भारतीय खिलाडि़यों को यह समझाने की कोशिश कर रहा हूं कि दूरी के बारे में नहीं सोचें बल्कि तकनीक पर ध्यान दें।
एजेंसी