इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने पीटीआई से कहा, आस्ट्रेलिया में जीत बिलकुल सही समय पर मिली है। मैं सचमुच कुछ बदलाव चाहती थी और खिताब जीतने से मनोबल बढ़ाने जैसा कुछ नहीं है। मैं सही राह पर हूं, इस पर भरोसा करने के लिये मुझे जीत की जरूरत थी। हैदराबाद की इस खिलाड़ी ने पिछले महीने आस्ट्रेलिया में खिताब अपने नाम किया था। उन्होंने कहा, मैं अपने लक्ष्य के करीब पहुंचने के लिये हाफ स्मैश पर कड़ी मेहनत कर रही हूं। ओलंपिक से पहले आस्ट्रेलियन ओपन खिताब हासिल करना शानदार रहा। दो विश्व चैम्पियन खिलाडि़यों और एक टूर्नामेंट की जूनियर विश्व चैम्पियन को हराना काफी संतोषजनक रहा। अपना तीसरा ओलंपिक खेलने के लिये तैयार साइना ने कहा कि वह पूरी तरह फिट है और महत्वपूर्ण चीज उस विशेष हफ्ते में शीर्ष पर पहुंचना होगा।
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी खिलाड़ी ने कहा, मैं एक टूर्नामेंट पर ध्यान लगाती हूं। रियो ओलंपिक भी किसी अन्य टूर्नामेंट की तरह होंगे। खेल के प्रति मेरा रवैया बहुत सकारात्मक है और मैं इसे इसी तरह रखना चाहूंगी और अपना ध्यान अपने खेल पर लगाउंगी। मुझे लगता है कि मैं जिस दिन भी शत प्रतिशत फिट होती हूं, मैं किसी को भी हराने की क्षमता रखती हूं।
साइना ने कहा, मुझे लगता है कि मैं फिट हूं। मैं अच्छी तरह दौड़ रही हूं। दिन में यही महत्वपूर्ण होता है कि आप शीर्ष पर पहुंचो और उस विशेष हफ्ते अपना सर्वश्रेष्ठ खेलो। आखिर में सिर्फ यही मायने रखता है और यही अहम होगा। पिछले डेढ़ साल से साइना बेंगलुरू में विमल कुमार के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग कर रही है और उन्होंने कहा कि पूर्व राष्टीय कोच ही वो व्यक्ति हैं जिन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह चैम्पियन बन सकती हैं। साइना पिछले साल विमल के मार्गदर्शन में ही दुनिया के नंबर एक स्थान पर पहुंची थीं। उन्होंने कहा, विमल सर का प्रभाव ही सबसे बड़ा बदलाव है। मैं सचमुच उनका शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे हर दिन भरोसा दिलाया कि मैं चैम्पियन हूं, मैं नंबर एक बन सकती हूं। विमल सर मुझे मेरे हाफ स्मैश पर काम करने और अपने लक्ष्य के करीब पहुंचने में मदद कर रहे हैं।
एजेंसी