अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने 2012 खेलों में पुरूष फ्रीस्टाइल में 60 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीतने वाले रूस के पहलवान स्वर्गीय बेसिक कुदुकोव के खिलाफ जांच समाप्त करने का फैसला किया है जिससे कांस्य पदक जीतने वाले योगेश्वर की रजत हासिल करने की उम्मीदें भी समाप्त हो गयी। कुदुकोव की 2013 में कार दुर्घटना में मौत हो गयी थी। उनके पुराने नमूने का वाडा ने कुछ दिन पहले फिर से परीक्षण किया था जो प्रतिबंधित स्टेरायड के सेवन के लिये पाजीटिव पाया गया था।
रूसी कुश्ती महासंघ ने अपने बयान में दावा किया कि 2012 खेलों के उनके नमूने का इस साल फिर से परीक्षण किया गया और वह स्टेरायड टुरिनबोल के लिये पाजीटिव पाया गया। उनका मामला तीन सदस्यीय आईओसी अनुशासन आयोग को सौंपा गया लेकिन समिति ने कुदुकोव के खिलाफ जांच खत्म करने का फैसला किया। विश्व कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष जियोग्री ब्रयुसोव ने कहा, अंतरराष्टीय ओलंपिक समिति बेसिक कुदुकोव को 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में जीत गये रजत पदक से वंचित नहीं करेगी।
लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ उसे इस बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि उनका पदक नहीं बदला जाएगा। उन्होंने कहा, रियो ओलंपिक से पहले हमें बताया गया था कि कुदुकोव का परीक्षण प्रतिबंधित दवा के लिये पाजीटिव पाया गया है और योगेश्वर का कांस्य पदक रजत में बदलने से पहले उनके 2012 लंदन ओलंपिक के नमूने का परीक्षण किया जाएगा। लेकिन इसके बाद हमें अब तक इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। आईओसी ने 2008 बीजिंग ओलंपिक और 2012 लंदन ओलंपिक के अलावा कई अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में लिये गये नमूनों का बेहतर तकनीक से फिर से परीक्षण करवाया ताकि उनमें प्रतिबंधित पदार्थों का पता लगाया जा सके।
जब यह खबर आयी थी कि कुदुकोव का परीक्षण पाजीटिव पाया गया है और उनका रजत योगेश्वर को मिलेगा तो भारतीय पहलवान ने यह पदक स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था और कहा था कि पदक इस पहलवान के परिजनों के पास ही रहना चाहिए। योगेश्वर ने ट्वीट किया था, यदि संभव हो तो उन्हें पदक रखने की अनुमति मिलनी चाहिए। मेरे लिये मानवता सर्वोपरि है।
भाषा