टोक्यो ओलंपिक में मंगलवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बेल्जियम ने पहले सेमीफाइनल में 2- 5 से मात देकर देश की गोल्ड की उम्मीदों को तोड़ दिया है। लेकिन भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और स्टार कस्टोडियन पीआर श्रीजेश ने कहा कि टीम के पास दिल टूटने का समय नहीं है क्योंकि उसे कांस्य पदक के खेल पर फिर से ध्यान देना होगा।
उनका कहना है कि टीम के पास इस हार के बारे में सोचने का समय नहीं है क्योंकि उन्हें गुरुवार को होने वाले कांस्य पदक के प्ले आफ मुकाबले पर ध्यान लगाना होगा। भारतीय टीम का सामना जर्मनी से होगा, जिसे दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से हराया।
सेमीफाइनल मुकाबले के बाद टीम के कप्तान मनप्रीत ने कहा, “मेरे लिए अभी चीजें आसान नहीं हैं क्योंकि हम जीतने की मानसिकता के साथ आए थे लेकिन दुर्भाग्य से हम मैच जीत नहीं पाए। अब हमें कांस्य पदक के मुकाबले पर ध्यान लगाने की जरूरत है और हमें यह पदक जीतने की जरूरत है। लंबे समय के बाद सेमीफाइनल में जगह बनाना हमारे लिए सम्मान की बात है लेकिन मुझे लगता है कि अब हमें एकाग्र होने की जरूरत है क्योंकि अगला मैच हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है. हम देश के लिए कांस्य पदक जीत सकते हैं।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी खुद इस मैच को देख रहे थे औ उन्हें भी इस हार से थोड़ी सी निराशा हुई, मगर उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए टीम का उत्साह बढ़ाने में जरा भी देर नहीं लगाई। भारत ने 1980 के बाद से हॉकी में कोई ओलंपिक मेडल नहीं जीता। जैसे ही भारत सेमीफाइनल में पहुंचा, पूरे देश को गोल्ड की उम्मीद हो गई थी। मगर कड़े मुकाबले में उसे बेल्जियम से हार का सामना करना पड़ा।
भारत के लिए टोक्यो ओलिंपिक में सबसे प्रभावी प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों या टीमों की बात होगी तो शायद पुरुष और महिला हॉकी टीमों का जिक्र सबसे ऊपर आएगा। दोनों टीमों ने कई सालों के बाद ओलिंपिक सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई। इसमें पुरुष टीम ने मंगलवार 3 अगस्त को अपना सेमीफाइनल खेला, जहां उसे विश्व चैंपियन बेल्जियम के हाथों से 2-5 से हार का सामना करना पड़ा.।इस मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद आखिरी 15 मिनट ने पूरा खेल बदल गया और टीम फाइनल तक पहुंचने से चूक गई।