भारत की तरफ से आकाशदीप सिंह (छठे मिनट) और रघुनाथ (22वें और 25वें मिनट) ने गोल किये जबकि आस्ट्रेलिया के लिये टेंट मिट्टन (13वें), जैक वेटन (23वें) और जेरेमी हेवार्ड (38वें और 54वें मिनट) ने गोल दागे। तीसरे क्वार्टर में अधिकतर समय दस खिलाडि़यों के साथ खेलने वाले भारत ने अच्छी तरह से बचाव किया लेकिन अंतिम हूटर बजने से छह मिनट पहले आस्ट्रेलिया निर्णायक गोल करने में सफल रहा।
भारत को आकाशदीप ने छठे मिनट में ही बढ़त दिला दी थी लेकिन पहला क्वार्टर समाप्त होने से दो मिनट पहले आस्ट्रेलिया ने मिट्टन के गोल से बराबरी का गोल कर दिया। दूसरा क्वार्टर काफी घटनाप्रदान रहा। कप्तान रघुनाथ ने 22वें मिनट में पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलकर भारत को फिर से बढ़त दिलायी लेकिन भारत इसका अधिक देर तक जश्न नहीं मना पाया क्योंकि आस्ट्रेलिया ने जवाबी हमला करके पेनल्टी कार्नर हासिल किया जिसे वेटन ने गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की।
भारत ने मध्यांतर से पहले हालांकि फिर से बढ़त हासिल कर ली। रघुनाथ ने पेनल्टी कार्नर पर गोल किया जिससे भारत मध्यांतर तक 3-2 से आगे था। तीसरे क्वार्टर में चार खिलाडि़यों को पीले कार्ड मिले। इनमें से तीन खिलाड़ी भारत के थे जिससे आस्ट्रेलिया खेल पर नियंत्रण बनाने में सफल रहा। उसकी तरफ से 38वें मिनट में हेवार्ड ने पेनल्टी कार्नर पर बराबरी का गोल किया।
इस क्वार्टर में भारत अधिकतर समय एक खिलाड़ी के बिना खेलता रहा। बीच में तो एक समय ऐसा भी आया जबकि निक्किन थिम्मैया और प्रदीप मोर दोनों को पीले कार्ड मिले और भारत को नौ खिलाडि़यों के साथ खेलना पड़ा। चौथे और अंतिम क्वार्टर से पहले दोनों टीमें 3-3 से बराबरी पर थी। आस्ट्रेलिया ने अंतिम क्वार्टर में बेहतर खेल दिखाया और उसने लगातार भारतीय गोल पर हमले किये। हेवार्ड ने ऐसे में पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने में गलती नहीं की और इसके बाद आस्ट्रेलिया ने आखिरी क्षणों में अपनी पूरी ताकत गोल बचाने में लगा दी।
भारत ने इससे पहले कल श्रृंखला में पहले मैच में आस्ट्रेलिया को 3-2 से हराया था।
भाषा