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हाॅकी लीग के नए नियम: गोल करेंगे एक, माना जाएगा दो

कलात्मक हाॅकी को बढ़ावा देने के लिए हाकी इंडिया लीग के चौथे सत्र में नए नियमों के तहत एक मैदानी गोल को दो गिना जाएगा। इस तरह के और भी कई नए नियम लागू किए गए हैं।
हाॅकी लीग के नए नियम: गोल करेंगे एक, माना जाएगा दो

हॉकी इंडिया लीग के अगले सत्र के लिए खिलाडि़यों की नीलामी 17 सितंबर को होनी है जिसमें 135 भारतीय और 141 विदेशी खिलाड़ी दांव पर होंगे। लीग के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने आज नए नियमों का एेलान किया। सभी फ्रेंचाइजी के पास 24 की बजाय 20 खिलाड़ी होंगे जिनमें 12 भारतीय और आठ विदेशी होंगे। कम से कम दो गोलकीपर बेंच पर रहेंगे जबकि सभी 20 खिलाडि़यों के नाम मैच शीट पर होंगे। वे मैचों के दौरान अपनी-अपनी टीम के डग आउट में मौजूद होंगे। नई गोल स्कोरिंग प्रणाली के अनुसार, हॉकी इंडिया लीग-2016 सबसे प्रतिस्पर्धी और अपनी तरह का पहला टूर्नामेंट होगा जिसमें मैदानी गोल को पेनल्टी कार्नर पर होने वाले गोलों से ज्यादा तरजीह मिलेगी।

एचआईएल-2016 के मैचों में हर मैदानी गोल पर दो गोल अंक दिए जायेंगे। खिलाड़‍ियों के बीच भिड़त से बचने और अनुशासन बनाए रखने के लिए पेनल्टी स्ट्रोक पर होने वाले हर गोल पर दो गोल अंक मिलेंगे। पेनल्टी स्ट्रोक में बदले गए पेनल्टी कार्नर पर होने वाले हर गोल को दो गिना जाएगा। नई गोल स्कोरिंग प्रणाली को एफआईएच प्रतिस्पर्धा समिति और नियम समिति से मंजूरी मिल गई है। पेनल्टी स्ट्रोक में बदले पेनल्टी काॅर्नर पर तभी एक गोल को दो माना जाएगा जब जान-बूझकर बाधा पहुंचाने के कारण स्ट्रोक मिला हो। इसके अलावा गोल स्कोरिंग अंक व्यवस्था समान रहेगी जिसमें गेंद पैर या शरीर से टकराने पर स्ट्रोक में बदला पेनल्टी कार्नर, शूटआउट से हुआ गोल और पेनल्टी स्टोक गोल शामिल हैं।  

बत्रा ने नए नियमों के बारे में कहा , पेनल्टी कार्नर से उन टीमों को बेवजह फायदा मिल जाता है जिनके पास पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ हैं। टीमों का भी फोकस फील्ड गोल करने की बजाय पेनल्टी कार्नर हासिल करने पर रहता है। इस नई व्यवस्था से टीमों को मैदानी गोल करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और खिलाडि़यों का कौशल बढेगा।

 

 

 

 

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