टोक्यो ओलंपिक में तीरंदाजी के मुकाबले में हिस्सा लेने वाले प्रवीण जाधव भारत लौटते ही पारिवारिक विवादों में फंस गए हैं। दरअसल उनके माता-पिता गांव में अपना घर बनवा रहे थे, जिस पर पड़ोसियों द्वारा आपत्ति जताते हुए उन्हें धमकाया जा रहा है। जिसके बाद जाधव के माता-पिता ने कहा कि यदि उन्हें घर के कंस्ट्रक्शन की अनुमति नहीं मिली तो उन्हें अपना गांव छोड़ना पड़ेगा।
तीरंदाज जाधव के माता-पिता महाराष्ट्र के सतारा जिले के सराडे गांव के निवासी हैं। जहां उनका दो कमरों का घर है, जिसे वह बड़ा बनाना चाहते थे। उनके माता-पिता का आरोप है जिस जमीन पर वे मकान बनाना चाहते हैं वह उनकी ही है, लेकिन पड़ोसी उन्हें मकान नहीं बनाने दे रहे हैं और धमकी दे रहे हैं। उनके पिता कहते हैं कि यदि यह विवाद शांत नहीं हुआ तो वह अपना गांव छोड़ देंगे।
हालही में टोक्यो से भारत लौटे प्रवीण जाधव ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि उनके माता-पिता शेती महामंडल (स्टेट एग्रीकल्चर कॉर्पोरेशन) में मजदूरी करते थे। महामंडल द्वारा ही वह जमीन उन्हें दी गई थी, लेकिन महामंडल ने उन्हें इस जमीन का पट्टा नहीं दिया था। पूरा समझौता मौखिक रूप से किया गया था।
उन्होंने आगे बताया कि सेना में नौकरी लगने के बाद जब आर्थिक स्थिति सही हुई तो परिवार ने उसी जमीन पर दो कमरों का घर बनाया। लेकिन, उस वक्त किसी ने कुछ भी नहीं कहा था और अब जब बड़ा घर बनवाने की फैसला किया तो पड़ोसियों ने इस पर आपत्ति जता दी। उनका कहना है कि यह सारी जमीन उनकी है। प्रवीण ने बताया कि उनके पिता आपत्ति के बाद भी जमीन का कुछ हिस्सा छोड़ने को तैयार थे। उसके बाद भी पड़ोसियों ने उन्हें धमकाया और पुलिस में शिकायत भी की थी। खिलाड़ी ने बताया कि जब उन लोगों ने टॉयलेट बनाने का फैसला किया था, तब भी पड़ोसियों ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी थी।
इस मामले में सब डिविजनल ऑफिसर शिवाजी जगताप का बयान भी सामने आया है। मामले में पड़ोसियों औऱ जाधव के परिवार से बातचीत जारी है। प्रवीण ने आर्मी को भी इस बात की जानकारी दे दी है।